भारत में होली का त्योहार बडे़ ही धूमधाम से मनाया जाता हैं, होली का त्यौहार हर जगह अलग-अलग तरीकों से मनाया जात हैं, कहा जाता है कि होली भगवान कृष्ण के प्रिय त्योहारों में से एक है, इस दिन भगवान कृष्ण बरसाने में राधा रानी एवं गोपियों के संग रंग – गुलाल के उड़ाकर रास रचाते थे उन्हे याद कर आज होली खेली जाती हैं, भारत में होली कई प्रकार से मनाई जाती हैं, जैसे – फूल होली, रंग – गुलाल की होली, लट्ठमार होली, लड्डू होली, दुल्हंदी होली, पत्थरों की होली, कपड़ा – फाड़ होली, कीचड़ होली, टमाटर होली और बनारस की चिता भस्म होली आदि। इनके अलावा भी कई प्रकार की होली खेली जाती है, इस कारण भारत को विभिन्नताओं में एकता में एकता दिखाई देती हैं।
कैसे और क्यों खेली जाती लट्ठमार होली –
बरसाना की लठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। लट्ठमार होली फागुन मास की शुक्ल पक्ष को नवमी यानी कि कल 28 फरवरी को खेली जाएगी। इस दिन ग्वाल बाल होली खेलने बरसाने जाते हैं और वहां के मंदिरों में पूजा – अर्चना करते हैं ,पूजा के बाद नंदगांव के पुरुष होली खेलने बरसाना तथा होली के लोग नंदगांव जाते हैं। इन पुरुषों को होरियारे और महिलाओं को हूरियारिन कहा जाता है। इस दिन औरतें गाने की धुन पर पुरुषों को लाठियों से मारती है और पुरुष ढाल रखकर खुद को बचाते भागते हैं। यह सभी हंसी खुशी के वातावरण में होता है, इस त्योहार पर लोग अपने मनमुटाव छोड़कर होली के रंग में रंगते हैं।
जल्द शुरू हो रहे हैं होलाष्टक, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या ना करें?
माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ इसी प्रकार होली खेलते थे। वे राधा रानी के साथ ठिठोली करते थे और राधा रानी गुस्से में आकर उन्हें लाठी से मारा करती थीं। इन्हीं को याद करते हुए इस दिन को लट्ठमार होली के रूप में बरसाने के लोग मनाते हैं। होली के दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे को बुलाकर राधा कृष्ण के प्रेम में रंग कर रंगों की बारिश करते हैं।
Holika Dahan 2023 : होलिका दहन पर करें ये आसान उपाय, आर्थिक उन्नति में होगा विकास