एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया, कि 1 अप्रैल से UPI लेन-देन महंगा होने वाला है। इसमें NPCI सर्कुलर का हवाला देते हुए बताया गया, कि UPI के जरिए 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1.1 फीसदी पर पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि की PPI लगाने की सिफारिश की गई है, इस मामले में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया NPCI ने सफाई देते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष शुरू होने जा रहा है, इसकी शुरुआत के साथ ही UPI से लेनदेन भी महंगा होने वाला है।
PPI लगाने की सिफारिश-
मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने 2000 रुपये से अधिक के मर्चेंट पेमेंट पर चार्ज पर PPI लगाने की सिफारिश की है। इन खबरों पर PPI ने एक प्रेस रिलीज जारी कर अपना रुख साफ कर दिया है और कहा है कि UPI फ्री है।
PPI लगाने की तैयारी-
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को NPCI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की तैयारी की है, यह Charge 0.5 – 1.5 फ़ीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है। सरकुलेशन में UPI के जरिए 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने के सुझाव दिए जाने का जिक्र किया गया था। जो मर्चेंट ट्रांजैक्शन यानि व्यापारियों के पेमेंट करने पर ही लागू होगा।
NPCI Press Release: UPI is free, fast, secure and seamless
Every month, over 8 billion transactions are processed free for customers and merchants using bank-accounts@EconomicTimes @FinancialXpress @businessline @bsindia @livemint @moneycontrolcom @timesofindia @dilipasbe pic.twitter.com/VpsdUt5u7U
— NPCI (@NPCI_NPCI) March 29, 2023
NPCI की तरफ से यह रिलीज-
बुधवार को NPCI ने जारी किए गए रिलीज में कहा, कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) फास्ट, फ्री, और सुरक्षित है। हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब से ज्यादा के लेन-देन फ्री संचालित किए जाते हैं। NPCI की तरफ से यह रिलीज उन खबरों के बाद जारी किए गए जिनमें बताया गया था, कि UPI में 2000 रुपये से ज्यादा मर्चेंट पेमेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट PPI चार्ज वसूल करे जाने की आशंका जताई गई थी।
गौर फरमाएं- 1 अप्रैल से बदलने वाले हैं इनकम टैक्स के यह नियम, जानें क्या होगा असर
ट्रांजैक्शन-
इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि PPI Pay Wallet या Card के जरिए ट्रांजैक्शन होता है, आमतौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ने अपने सर्कुलर में कहा कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसे 30 सितंबर 2023 से पहले चेक किया जाएगा।
अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित-
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित किए हैं, फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरफ़ेस फीस वसूला जाएगा। दरअसल इंटरचेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शन यानि व्यापारियों को पेमेंट करने पर देनी होती है। रिपोर्ट में जहां 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर एक्स्ट्रा चार्ज की बात कही गई थी, वही दावा किया गया था, कि बैंक अकाउंट में PPI Wallet के बीच पियर-टू-पियर (P2P), पियर टू पियर मर्चेंट (P2PM) में किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
यहां भी गौर फरमाएं- बैंक स्कैम के बढ़ते मामलों को देखते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को दिए सख्त निर्देश