सऊदी अरब ने इस्लाम के पवित्र महीने रमजान में ही अपने एक सऊदी नागरिक को मौत के घाट उतार दिया है। मानवाधिकार समूहों ने सोमवार को कहा कि, सऊदी अरब ने रमजान के महीने में सालों बाद किसी नागरिक को मौत की सज़ा सुनाई है। इस्लाम के दूसरे सबसे पवित्र शहर मदीना में उस सऊदी नागरिक को मौत की सजा दी गई है।
सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि, व्यक्ति को 28 मार्च यानी कि रमजान के पांचवें दिन मृत्युदंड दिया गया। एजेंसी ने आगे बताया कि जिस व्यक्ति को मृत्युदंड दिया गया है वह कोई और नहीं बल्कि सऊदी अरब का ही नागरिक था। उस पर एक व्यक्ति की हत्या का आरोप था। आरोपी शख्स ने पीड़ित व्यक्ति पर चाकू से हमला किया था और फिर उसकी बाडी को आग के हवाले कर दिया था।
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बर्लिन स्थित यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) ने रमजान के पावन अवसर पर एक व्यक्ति को मौत की सज़ा देने के विषय में अपने एक बयान में कहा, ‘सऊदी अरब ने रमजान के दौरान अपने ही एक नागरिक को मौत के घाट उतार दिया।’
दुनिया में सबसे अधिक मौत की सजा देने वाले देशों में शामिल सऊदी अरब के गृह मंत्रालय द्वारा पेश किए गए मौत की सज़ा के आंकड़ों का हवाला देते हुए संगठन ने कहा कि, सऊदी में 2009 के बाद से अब तक रमजान के मौके पर एक भी मौत की सजा नहीं सुनाई गई थी।ESOHR ने कहा कि, सऊदी अरब जो कि इस्लाम का जन्म स्थान है, यहां रमजान के दौरान अब तक करीब 17 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है।
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समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, सऊदी अरब ने 2022 में 147 लोगों को मौत की सजा दी है, जो कि 2021 के आंकड़े के दोगुने से भी अधिक है। साल 2021 में केवल 69 लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी।
पिछले साल सऊदी अरब ने ड्रग्स से जुड़े अपराधों के लिए मौत की सजा को फिर से बहाल कर दिया था। तीन सालों तक अस्थायी रोक के बाद अब एक बार फिर से ड्रग्स अपराधों के लिए सऊदी में मौत की सज़ा को शुरू कर दिया गया है।
ब्रिटेन में स्थित मानवाधिकार एनजीओ Reprive और ESOHR ने इस साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके अनुसार, साल 2015 में किंग सलमान ने जब सऊदी अरब की सत्ता संभाली थी तब से लेकर अब तक 1,000 से अधिक मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। सऊदी अरब में अक्सर सिर कलम कर मौत की सजा दी जाती है।