सेक्स क्राइम को लेकर जापान का कानून रूढ़िवादी विचारधाराओं से प्रेरित है। जिसके बदवाव की मांग को लेकर जापान लंबे समय से विरोध का सामना कर रहा है। जिसके चलते अब जापान में नया सेक्स क्राइम रिफॉर्म लागू किया जा रहा है। इसके तहत बिना किसी की सहमति के उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लेने या वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लग जाएगा। जापान की संसद में ‘फोटो वॉयरिज्म’ के खिलाफ एक बिल लाया जा रहा है। अभी तक ऐसे आपराधिक मामलों पर स्थानीय प्रीफेक्चर कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाता था।
‘फोटो वॉयरिज्म’ क्या है?
जब कोई व्यक्ति चोरी-छुपे या बिना किसी महिला की सहमति के उसकी फोटो या वीडियो रिकॉर्ड करता है और उसे यौन कृत्यों या इस तरह की किसी भी गतिविधियों में इस्तेमाल करता है। उसे ‘फोटो वॉयरिज्म’ कहा जाता है।
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अपस्कर्टिंग के तहत लोग महिलाओं की फोटो और वीडियो रिकॉर्ड करके उसे अश्लील वेबसाइट पर डाल देते हैं। जिसके खिलाफ अब जापान में नया कानून बनाया जा रहा है। जिसके तहत ताका-झांकी, जासूसी करना, स्कूल-कॉलेज में छात्र-छात्राओं की छिपकर फोटो खींचना, ड्रेसिंग रूम या बेडरूम में कपड़े उतारते हुए फिल्माना, सार्वजनिक शौचालयों और चेंजिंग रूम में कैमरे लगानू जैसे आपराधिक मामलों पर रोक लग जाएगी।
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कानून तोड़ने पर मिलेगी तीन साल की सज़ा, जुर्माना भी लगेगा:
जापान में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब नाबालिग फीमेल मॉडल्स की तस्वीरों को उनकी सहमति के बिना यौन उत्तेजना के लिए इस्तेमाल किया गया था। इनमें से कई लड़कियों को कम कपड़ों में या स्विमसूट पहनकर पोज देने के लिए मजबूर किया गया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर जापान में यह बिल पास हो जाता है, तो इस अपराध में दोषी पाए गए शख्स को तीन साल की कैद और 22 हज़ार डॉलर का जुर्माना देना पड़ सकता है।