भारतीय रेलवे (Indian Railways) वंदे भारत (Vande Bharat) के तीसरे चरण में इन ट्रेनों में स्लीपर कोच (Sleeper Coach) पेश करने जा रहा है। जिसके बाद इन ट्रेनों को लंबे रुटों पर चलाया जा सकेगा। रेलवे ने इसके लिए 200 ट्रेनों के सेट के लिए टेंडर जारी किया है। निजी क्षेत्र के खिलाड़ी इस टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं, इस टेंडर की कीमत 25 हजार करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिकस टाइम्स ने अपने सुत्रों के हवाले से इस खबर की पुष्टी की है। स्लीपर क्लास की वंदे भारत ट्रेनों में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक होंगी और इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खास फीचर्स होंगे।
शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस को वंदे भारत करेगी रिप्लेस-
भविष्य में रेलवे लंबी यात्राओं पर शताब्दी और राजधानी को उच्च तकनीक से लैस और बेहतर स्पीड़ वाली वंदे भारत ट्रेन से बदलना चाहता है। अबतक अप्रैल 2023 में इस तरह की ट्रेनों के लिए लगाई गई पहली बोली में बीएचईएल, सीमेंस, आल्स्टोम, मेघा इंजीनियरिंग जैसी कंपनियाँ अपनी बोलियां लगा चुकी हैं।
ये भी पढ़ें- छग में बिलासपुर–नागपुर वन्देभारत ट्रेन हुई बंद
बीएचईएल को मिले हैं 80 वंदे भारत स्लीपर कोच बनाने के ऑर्डर-
बीएचईएल ने कहा है कि अप्रैल में लगी मेगा बोली में उन्हें 80 स्लीपर वंदे भारत के कोच तैयार करने के ऑर्डर मिल चुके हैं। वो एक ट्रेन कोच 120 करोड़ में निर्मित कर रेलवे को सौंपेंगे उन्हें इस कीमत में कुल 80 ट्रेन कोच देने हैं। इस कीमत में टैक्स इत्यादी शामिल नहीं है, इसके साथ ही कंपनी ने इन ट्रेनों की 35 सालों तक मेंटीनेंस का एक अनुबंध भी रेलवे के साथ किया है।
बीएचईएल इन 80 ट्रेनों की स्पलाई 6 साल के भीतर रेलवे को करेगा, जो विभिन्न फेजज में की जाएगी। रेलवे बीएचईएल को इसके लिए रेलवे द्वारा निर्धारित ICF चेन्नई में निर्माण इकाई और दो डिपो भी देगा जिनमें ट्रेनों का रखरखाव भी किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- दिल्ली में प्यार के मामले में नजर रखने के शक में 20 साल के युवक की रुममेट ने की हत्या