सनातन धर्म में हर साल कजरी तीज का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। कजरी तीज को सतुड़ी तीज के नाम से भी लोग जानते हैं। सनातन धर्म में कजरी तीज का महत्व बहुत अधिक होता है, क्योंकि यह तीज रक्षाबंधन के 3 दिन बाद मनाई जाती है। महिलाएं इस दिन का बेसब्री से इंतजार करती है और सुहागन महिलाएं इस दिन व्रत कर अपने पति और संतान की लंबी उम्र व सेहत और तरक्की की कामना करती हैं। कजरी तीज का दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित होता है।
किस दिन मनाई जाएगी कजरी तीज-
साल 2023 में कजरी तीज 2 सितंबर को मनाई जाएगी, क्योंकि हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 1 सितंबर 2023 की रात 11:50 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 2 सितंबर 2023 की रात 8:00 बजे समाप्त होगी। इसलिए कजरी तीज का व्रत व पूजन करने का शुभ मुहूर्त 2 सितंबर का है। कजरी तीज को बड़ी तीज के नाम से भी लोग जानते हैं। इस तीज को खासकर उत्तरी भारत के राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की महिलाएं धूमधाम से मनाती हैं।
कजरी तीज के दिन ये काम जरूर करें-
कजरी तीज का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से उत्तरी भारत में मनाया जाता है। इस दिन छोटे से तलाब बनाकर नीमड़ी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही कजरी तीज के दिन चंद्रमा को अरग देना जरूरी होता है। वहीं कजरी तीज पर जौ, गेहूं, चावल और चने के सत्तू में घी मिलाकर पकवान बनाए जाते हैं। फिर इन्हीं पकवानों से चंद्रोदय के साथ महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। 
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कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को खासकर हरे और लाल रंग के कपड़े पहन कर सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इस दिन गलती से भी सुहागन महिलाओं को काले कपड़े नहीं पहने चाहिए। कजरी तीज के दिन गाय की पूजा करनी शुभ मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है, कि इस दिन रोटी पर घी लगाकर गुड़ के साथ गाय को खिलाने से घर में सुख-समृद्धि आती हैं।
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