जल्द ही नॉर्थईस्ट फ्रंटईयर रेलवे एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड डिवाइस लेकर आ रहा है, जो ड्राइवर की झपकती हुई आंखों को पढ़े और उन्हें सचेत करें या फिर नींद लगने पर ट्रेन रोकने में सक्षम हो। जानकारी के मुताबिक, इस डिवाइस को जल्द ही जारी किया जाएगा। जून में रेलवे बोर्ड ने एनएफआर को एक ऐसा डिवाइस बनाने के लिए कहा था, जो पलक झपकाने के आधार पर ट्रेन चालकों की सतर्कता का पता लगा सके। इस डिवाइस का नाम रेलवे ड्राइवर अस्सिटेंट सिस्टम रखा गया है, जो न सिर्फ अलर्ट बजाएगा बल्कि यह प्रेगनेंसी समय के लिए ड्राइवर की स्वतंत्रता होने की स्थिति में आपातकालीन ब्रेक भी लगाएगा जानकारी के मुताबिक यह इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए रदास को एक सतर्कता कंट्रोल उपकरण के साथ जोड़ा जाएगा।
पीटीआई की रिपोर्ट-
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डिवाइस अभी डेवलप हो रहा है और यह ठीक से कम कर रहा है या नहीं इसकी टेस्टिंग चल रही है। एनएफआर की तकनीकी टीम इस पर काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि यह अगले कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगा। 2 अगस्त को रेलवे बोर्ड ने एनएफआर को पत्र लिखा और आरडीएस के इस इन हाउस डेवलपमेंट में तेजी लाने के लिए कहा, जिसमें एक बार डिवाइस तैयार हो जाने के बाद इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 20 मालगाड़ी इंजन और यात्री ट्रेन इंजन में लगाया जाएगा।
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सभी ज़ोनों में होगा सिस्टम का इस्तेमाल-
सभी ज़ोनों से सिस्टम के इस्तेमाल के बाद इसकी कार्य प्रणाली पर अपना फीडबैक भी देने को कहा गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर इसमें और सुधार किया जा सके। हालांकि भारतीय रेलवे लोगों को रनिंग मैन संगठन इस डिवाइस को निरर्थक करार दिया और कहा कि सभी तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में ड्राइवरों को सतर्क रहने के लिए पहले से ही तंत्र मौजूद होते हैं। हाई स्पीड ट्रेन इंजन में एक पैर से चलने वाला लीवर होता है। जिसे ड्राइवर को हर 60 सेकंड में एक बार दबाना होता है। अगर ड्राइवर नहीं कर पाएगा तो आपातकालीन ब्रेक खुद से लगाए जाते हैं और ट्रेन रुक जाती है।
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