Hydrogen Bus: सोमवार को भारत की पहली हरित हाइड्रोजन से चलने वाली बस को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हरी झंडी दिखाई, जो सिर्फ पानी छोड़ती है। मंत्री का कहना है कि जीवाश्म ईंधन से दूर जाने के लिए हाइड्रोजन भारत का संक्रमण ईंधन होगा। भारत की शीर्ष तेल कंपनी आईओसी ने बस का अनावरण किया, आईओसी नवीकरणीय स्रोतों से बिजली का इस्तेमाल करके पानी को विभाजित करके लगभग 75 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। इस हाइड्रोजन का इस्तेमाल दो बसों को बिजली देने के लिए किया जाएगा, जो परीक्षण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चलेगी।
हरित हाइड्रोजन का उत्पादन-
फरीदाबाद में आईओसी का R&D केंद्र पायलट रन के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन कर रहा है। 30 किलो की क्षमता वाले चार सिलेंडर बसों को 350 किलोमीटर तक चला सकते हैं। चारों टंकियां को भरने में 10 से 15 मिनट का समय लगता है, जलने पर हाइड्रोजन उत्पादन के रूप में सिर्फ जलवाष्प ही उत्सर्जित करता है। तीन गुना ऊर्जा घनत्व और हानिकारक उत्सर्जन की अनुपस्थिति के साथ हाइड्रोजन ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक स्वच्छ और अधिक कुशल विकल्प है। एक किलो हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 50 यूनिट नवीकरणीय बिजली और 9 किलो विआइनीकृत पानी की जरूरत होती है। हाइड्रोजन का इस्तेमाल ईंधन कोशिकाओं के लिए ईंधन के रूप में किया जाता है।
बसों की संख्या बढ़कर 15-
जानकारी के मुताबिक 2023 के आखिर तक आईओसी बसों की संख्या बढ़कर 15 कर दी जाएगी। आईओसी दिल्ली, हरियाणा और यूपी में चिन्हित मार्गों पर ग्रीन हाइड्रोजन द्वारा संचालित 15 ईंधन सेल बेसन का परिचालन परीक्षण करेगी। इस प्रोग्राम के मुताबिक सोमवार को दो फ्यूल सेल बेसन का पहला सेट लांच किया गया। पुरी का कहना है कि सरकार के पास कुछ हरित ऊर्जा पर महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, भारत में हाइड्रोजन और जैव ईंधन जैसे उभरते ईंधन के माध्यम से कम कार्बन विकास की दिशा में कई कदम उठाए हैं और अगले दो दशकों में वैश्विक वृद्धिशील ऊर्जा मांग से 25% की वृद्धि होगी।
ये भी पढ़ें- Hyundai i20 N Line फेसलिफ्ट भारत में हुई लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
वैश्विक चैंपियन-
उनका कहना है कि कम लागत वाले सौर सिंक्रोनस ग्रिड बड़ी मांग और इंजीनियरिंग के साथ भारत हाइड्रोजन के उत्पादन और निर्यात में एक वैश्विक चैंपियन होगा और हरित हाइड्रोजन केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है। हाल ही में दुनिया का पहला BS6 विद्युतीकरण फ्लेक्स ईंधन वहां प्रोटोटाइप लॉन्च किया गया था। जिसमें फ्लेक्स ईंधन इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन भी शामिल है, जो बेहतर ईंधन साक्षरता के साथ एथेनॉल का उच्च उपयोग प्रदान करता है। हाइड्रोजन को भविष्य के लिए ईंधन माना जाता है, जिसमें भारत को अपनी डी कार्बोनाइजेशन लक्षण को पूरा करने में मदद करने की क्षमता है। 2050 तक हाइड्रोजन की वैश्विक मांग 4 से 7 गुना बढ़कर 500-800 टन होने की उम्मीद है।
ये भी पढ़ें- Delhi और Amritsar के बीच चलेगी बुलेट ट्रेन, यात्रा 2 घंटे में होगी पूरी