Nitish Kumar: लेकसभा चुनाव के रिज़ल्ट आने के बाद एक बार फिर से मोदी सरकार सत्ता में आ चुकी है, लेकिन इस बार बीजेपी की सरकार बनाने में गठबंधन पार्टियों का बड़ा हाथ रहा है, सभी ने अपना समर्थन दिया, जिसके बाद लगातार तीसरी बार मोदी सरकार सत्ता में आई। इस गठबंधन में नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खैर मोदी सरकार तो सत्ता में वापस आ गई। लेकिन एक फिर से नीतीश कुमार और पीएम मोदी के रिश्तों में दरार की खबरें आ रही है।
सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है नीतीश कुमार इस समय बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं और अगर हम इतिहास देखें तो उनके रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं रहे हैं, क्योंकि कई बार यह गठबंधन टूट चुका है और फिर से बना है, लेकिन इस बार ऐसा क्यों कहा जा रहा है और नीतीश कुमार की क्या मांग है जो पूरी नहीं हो रही आईए विस्तार से जानते हैं-
क्यों आ रही है ऐसी खबरें-
दरअसल बात यह है कि मोदी कैबिनेट के शपथ समारोह के बाद से ही सरकार के किसी भी अन्य कार्यक्रम में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। उदाहरण के लिए वह चंद्रबाबू नायडी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, ऐसा कहा जा रहा है कि उस कार्यक्रम में नीतीश कुमार को लेने के लिए चार्टेड प्लेन भी भेजा गया था। लेकिन उसके बावजूद भी नीतीश कुमार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे और यह कोई एक कार्क्रम नहीं है जहां पर नीतीश नहीं गए। इसके अलावा नीतीश कुमार उड़ीसा में बीजेपी की सरकार के गठन के दौरान भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे।
Nitish Kumar बीजेपी से नाराज़-
इसके बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज़ चल रहे हैं। अब सवाल यह आता है कि आखिर इस नाराज़गी के पीछें की वजह क्या है? सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि जब चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने इंडिया ब्लॉक का हाथ छोड़कर बीजेपी का साथ दिया था, तो उस समय पाला बदल का सबसे बड़ा कारण था कि बिहार में विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा, साथ ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो जाए।
टालमटोल की राजनिती-
लेकिन जब समय आया तो इस फैसले को बाद के लिए बीजेपी द्वारा टाल दिया गया और नीतीश कुमार को जैसे -तैसे इस बात के लिए मना लिया गया। लेकिन अब लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी नीतीश कुमार की मांग को टाला जा रहा है। जिसके चलते नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज़ हैं क्योंकि उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया है और टालमटोल की राजनिती की जा रही है। इसके चलते यह अनुमान लगाया जा रहा है नीतीश कुमार एक बार फिर से पाला बदल सकते हैं।
दरअसल बात यह है कि नीतीश कुमार से लोकसभा चुनाव के दौरान विधानसभा को भंग करने को लेकर कहा गया था कि एक बार जब लोकसभा चुनाव हो जाएं तो बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा। लेकिन अब एक बार फिर से उसे दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए टाल दिया और इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि इसे फिर से टाला नहीं जाएगा। इसी टालमटोल के चलते नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्ते में खटास आ रही है।
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लालू यादव के संपर्क में-
सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार हमेशा ही इंडिया लालू यादव के संपर्क में रहते हैं, इसके अलावा अगर नीतीश कुमार वापस से इंडिया ब्लॉक में जाते हैं तो इससे इंडिया गठबंधन की किसी भी पार्टी के परेशानी नहीं है। यानी अगर बीजेपी ने नीतीश कुार की बात नहीं मानी तो वह पाला बदल कर इंडिया अलायंस के साथ जा सकते हैं, क्योंकि वहां से उन्हें कई ऑफर भी दिए गए हैं।
इसके अलावा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर नीतीश कुमार पाला बदलते हैं तो एनडीए गंठबंधन में शामिल चंद्रबाबू नायडी समेत अन्य दल भी पाला बदल सकते हैं। यानी जिस तरफ पलड़ा भारी होगा यह पार्टियां उस ओर जा सकती है। यानी इस बार बीजेपी को सभी के बारे में हर फैसला सोच समझकर ही लेना होगा। क्योंकि कोई भी पार्टी किसी बी वक्त नाराज़ हो सकती है।
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