Nuclear Submarine: अटलांटिक महासागर में एक बड़ा परमााणु हादसा होते बाल-बाल बच गया। जानकारी के अनुसार, ब्रिटेन की रॉयल नेवी की एक न्यूक्लियर सबमरीन समुद्र में इतनी गहराई तक नीचे चली गई कि वह सबमरीन डूबने की कगार पहुंच गई। इस परमाणु सबमरीन में एक दो नहीं, बल्कि 140 व्यक्ति सवार थे। साथ ही बड़ी बात यह थी कि यह परमाणु सबमरीन ट्राइडेंट 2 न्यूक्लियर मिसाइलों से भरी हुई थी। ये परमाणु मिसाइलें इतनी खतरनाक हैं कि इनसे पूरी धरती पर प्रलय आ जाता।
अगर यह परमाणु सबमरीन डूब जाती तो इसे वापिस निकाल पाना लगभग असंभव होता। वहीं दूसरी तरफ रूस के भी इस न्यूक्लियर सबमरीन तक पहुंचेने का खतरा भी पैदा हो जाता। इस ब्रिटिश परमाणु सबमरीन एक दो, नहीं 48 परमाणु बमों से भरी हुई थी, जो पुरी दुनिया में परमाणु तबाही मचा सकते हैं। ऐसे में ब्रिटेन के लिए यह दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद सबसे बड़ा हादसा साबित हो सकता था।
गहराई दिखाने वाला उपकरण हो गया खराब-
मिल रही जानकारी के अनुसार, यह ब्रिटिश सबमरीन गश्ती पर निकलने वाली थी, तभी उसके चालक दल के सदस्यों को जो पता चला उससे सभी हैरान हो गए। चालक दल सदस्यों को पता चला कि सबमरीन में गहराई बताने वाले उपकरण ने ही काम करना बंद कर दिया है। इस वजह से इस सबमरीन के कमांडरों को यह पता नहीं चल पाया कि सबमरीन कितनी गहराई में चली गई है। यह सबमरीन ‘डेंजर जोन’ में चली गई और जब उन्होंने एक-दूसरे तरीके से गहराई को मापा और 490 फीट लंबी इस वैनगार्ड श्रेणी इस सबमरीन को तत्काल ऊपर लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।
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ब्रिटिश परमाणु पनडुब्बी-
ब्रिटेन की नौसेना की एक सबमरीन को साल 1969 से ही परमाणु मिसाइलों के साथ हमेशा गश्त पर रहती है, ताकि अगर देश पर कोई महाविनाशक हमला होता है तो उसका एटमी हमले से जवाब दे सके। इस एक सबमरीन की कीमत लगभग 3.75 अरब पाउंड है। यह धरती पर 87 मेगाटन के बराबर तबाही मचाने में सक्षम है ब्रिटेन के पास इस समय वैनगार्ड क्लास की 4 परमाणु सबमरीन हैं, लेकिन दो ही ऑपरेशनल हैं।
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