हाल ही में पूर्व कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने पिता के हवाले से बहुत से खुलासा किए हैं, इस किताब में दावा किया जाता है, कि 2013 में राहुल गांधी द्वारा एक अध्यादेश की प्रति फाड़ी गई थी, इस घटना से वह स्तब्ध रह गए थे, प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि राहुल को खुद के नेहरू और गांधी परिवार होने पर घमंड है। किताब में दावा किया गया है कि ‘यह घटना 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ,’ इस किताब में कहां गया है कि ‘एक बार राहुल गांधी प्रणब मुखर्जी से मिलने सुबह-सुबह पहुंच गए थे।’
AM और PM के बीच अंतर नहीं-
‘उस वक्त वह मुगल गार्डन में सुबह की सैर कर रहे थे, प्रणब मुखर्जी को सुबह की सैर और पूजा के दौरान किसी तरह का प्रावधान पसंद नहीं है, फिर भी उन्होंने उनसे मिलने का फैसला लिया।’ ‘इसके बाद यह पता चला कि राहुल असल में शाम को प्रणब से मिलने वाले थे, लेकिन उनके कार्यलय ने गलती से उन्हें सूचित कर दिया की बैठक सुबह की है’, उनका कहना है कि, ‘जब मैंने अपने पिता से पूछा कि उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की अगर राहुल का दफ्तर AM और PM के बीच अंतर नहीं कर पाता, तो वह भविष्य में प्रधानमंत्री को संचालित करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।’
“प्रणब माई फादर एंड डॉटर रिमेंबर्स”-
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब “प्रणब माई फादर एंड डॉटर रिमेंबर्स” में कहा गया है कि उनके पिता ने उनसे यह बात कही थी की ‘राजनीति में आने का निर्णय शायद उनका नहीं है और उनमें राजनीति समथ की कमी एक समस्या पैदा कर रही है, ‘पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता अजय मानक करने 2013 में 27 सितंबर को कांफ्रेंस बुलाई थी, जिसमें राहुल गांधी शामिल हुए और उन्होंने प्रस्तावित सरकार अध्यादेश को पूरी तरह से बकवास बताते हुए कहा कि इसे फाड़ देना चाहिए।’ अध्यादेश का उद्देश्य दोषी विधायको और सांसदों को तत्काल अयोग्य के ठहराने संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करना था और इसके बजाय यह प्रस्तावित किया गया, कि वह ऊपरी अदालत में अपील लंबित रहने तक विधानसभा मंडल सदस्य या सांसद बने रह सकते हैं।
भारत के 13वें राष्ट्रपति-
प्रणब मुखर्जी भारत के वित्त मंत्री रहे हैं और बाद में वह रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वाणिज्यिक मंत्री भी बने। वह भारत के 13वें राष्ट्रपति थे और प्रणब मुखर्जी का 21 अगस्त 2020 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शर्मिष्ठा कहती हैं कि हालांकि उनके पिता खुद ही स्वाध्याय देश के खिलाफ थे और सैद्धांतिक तौर पर राहुल से सहमत शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है। लेकिन राहुल के इस व्यवहार से वह आश्चर्यचकित थे, ‘मैं ही वह पहली थी जिसने सबसे पहले उन्हें यह खबर दी, बहुत दिनों के बाद मैंने अपने पिता को इतना क्रोधित होते हुए देखा, उनका चेहरा लाल था और उन्होंने कहा कि वह (राहुल गांधी) खुद को क्या समझते हैं, वह कैबिनेट के सदस्य नहीं हैं, कैबिनेट के फैसले को सार्वजनिक रूप से खारिज करने वाले राहुल कौन होते हैं’।
ये भी पढ़ें- भाजपा के जिन सांसदों ने विधानसभा चुनाव में जीत के बाद दिया इस्तीफा, उन्हें बंगला खाली करने का आदेश!
कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी-
शर्मिष्ठा मुखर्जी द्वारा लिखित किताब के मुताबिक, शर्मिष्ठा से प्रणब ने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश में हैं, क्या उन्हें (राहुल गांधी) अपने व्यवहार के परिणाम और इसका प्रधानमंत्री और सरकार पर पड़ने वाले प्रभाव का एहसास भी है। उन्हें प्रधानमंत्री को अपमानित करने का कोई अधिकार नहीं है। मुखर्जी ने इस घटना के बारे में अपनी डायरी में भी लिखा, यह पूरी तरह से जरूरी नहीं है। उन्हें खुद के गांधी नेहरू परिवार का होने पर घमंड है। कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने 2021 में राजनीति को छोड़ दिया था। जिसके बाद उनकी किताब का लोकार्पण 11 दिसंबर को प्रणब मुखर्जी की जयंती पर किया जाएगा। इस किताब के मुताबिक शर्मिष्ठा से प्रणब ने कहा था कि राहुल का यह व्यवहार कांग्रेस के लिए ताबूत में आखिरी कील हैं, पार्टी के उपाध्यक्ष ने सार्वजनिक तौर पर अपनी ही सरकार के प्रति ऐसी उपेक्षा दिखाई थी, तो लोग आपको फिर से वोट क्यों देते।
ये भी पढ़ें- अग्नि-1 मिसाइल का ट्रेनिंग लॉन्च रहा सफल, जानें इसकी खूबिया