शनिदेव का नाम सुनते ही पसीने छूटने लगते हैं अगर कुंडली में शनि बिगड़ जाए तो बनते काम बिगड़ने लगते हैं और खराब परिणाम मिलने लगते,जो किसी भी व्यक्ति को राजा से रंक बना सकता है शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप इन उपाय की मदद ले सकते हैं।
न्यायाधीश हैं शनिदेव-
कर्माधिपति शनि कर्मों का आधिपत्य करते हैं, यानी कर्मों का हिसाब अच्छा या बुरा फल शनि देव ही देते हैं, जो की हमारे कर्मों के आधार पर कर न्याय करते हैं। साथ ही बुरे कर्मों पर शनि की साढ़ेसाती होती है ऐसे में शनिदेव विषम स्थितियां उत्पन्न कर देते हैं। शनिदेव की मारक दृष्टि के प्रभाव से दुर्घटना होना, बार बार चोट लगाना या नसों से संबंधित दिक्कतें अधिक हो रही हो तो यह समझ लेना चाहिए कि शनिदेव आप से नाराज है। दरअसल जीवन में आ रही समस्याएं या बिमारियां न्याय रूप होती है।
शनि के उपाय-
यदि आप जीवन में शनि ग्रह की वजह से परेशानियां चल रही हैं, जिसके कारण आपके बनते हुए काम भी बिगड़ रहे हैं, तो शनि के कोप को आप इन उपायों से कम कर सकते हैं।
पीपल का पेड़-
शनिवार को शाम के समय जब अंधेरा हो जाए तब किसी बड़े पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जला दें, दीपक जलाने के बाद उस पेड़ की परिक्रमा भी आवश्य करनी चाहिए। आप ये परिक्रमा 3 से 5 या 9 बार कर सकते हैं। साथ ही आपको इस बात का आवशय ध्यान रखना चाहिए कि दीपक के लिए तेल आप घर से ही लाएं ना की शनिवार के दिन तेल खरीदे और या ही किसे मांगे क्योंकि शनिवार के दिन तेल खरीदने या मांगने से शनि आप पर और भारी हो जाता है।
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भोजन का दान-
शनिवार के दिन आप भोजन सामग्री, काले चने, या काली दाल अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते हैं। आप उस दिन जो भोजन पकाएं उसे सरसों के तेल में ही पकाएं, किसी निर्धन या ज़रूरतमंद को भोजन कराने से शनि की नाराजगी कम होती हैं।
व्यापार में शनि की दृष्टि-
यदि आप शनि की दृष्टि के कारण नौकरी व्यापार या धन संबंधी समस्याओं से परेशान है तो आपको इन समस्यायों से छुटकारा पाने के लिए शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। साथ ही शनिवार के दिन हनुमान जी के आगे देसी घी का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ आवश्य करें।
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