Farmer Protest 2024: दिल्ली कूच कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तीतर-बीतर करने के लिए पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने आंसू गोले दागे हैं। जिसके चलते वहां अफरा-तफरी माहौल हो गया है। दिल्ली के शंभू बॉर्डर पर भारी जाम को देखते हुए पुलिस द्वारा आने वाले फ्लाईवर की एक लाइन खोली गई। दिल्ली नोएडा रोड पर नोएडा से दिल्ली की ओर वाहनों पर भारी दबाव है और प्रदर्शनकारी किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा और बैरिकेडिंग की गई है।
धारा 144 लागू-
किसानों के आंदोलन को देखते हुए मंगलवार यानी 13 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर व्यापक तौर पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। कानून और व्यवस्था को निश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस ने पहले ही धारा 144 लागू कर दी थी। जिससे ट्रैक्टर ट्राली के राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। किसानों के दिल्ली कूच करने से लेकर सुरक्षा कर्मियों को बड़े निर्देश दिए गए हैं और किसी भी तरह से ट्रैक्टर ट्राली के साथ किसानों के दिल्ली में प्रवेश को पूरी तरह से रोका है। गाजीपुर टिकरी जिला बॉर्डर पर करीब 8000 से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
7 लेयर की बड़ी सिक्योरिटी-
बॉर्डर पर करीब 7 लेयर की बड़ी सिक्योरिटी है और दिल्ली बोर्ड पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स बीएसएफ के जवानों को भी तैनात कर दिया गया है। सुरक्षा बलों को आंसू गैस, लाठी और बॉडीगार्ड किट के साथ तैनात किया गया है। बॉर्डर पर फ्रंट लेयर में महिला सुरक्षा बल की संख्या ज्यादा है और ड्रोन के जरिए आसपास के रास्तों पर निगरानी रखी जा रही है। पिछली बार से सबक लेते हुए जवानों ने इस बार एंटी टियर गैस मास्क पहने हैं। पिछली बार किसानों के लिए आंसू गैस के गोले वापस पुलिस पर ही फेंक दिए गए थे। बॉर्डर पर अनाउंसमेंट के लिए लाउडस्पीकर और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
पुलिस ने बॉर्डर के आसपास लोकल इंटेलीजेंस यूनिट को एक्टिव कर दिया है और फिलहाल ट्रैक्टर और ट्राली से किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। एसपी गारंटी समेत बहुत सी मांगों पर किसान अड़े हुए हैं। दिल्ली नोएडा गुरुग्राम में बहुत सी जगह पर लंबा जाम है और प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि सड़क हमने नहीं सरकार ने रोकी है। किसान नेताओं ने कहा कि हम टकराव नहीं चाहते हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है और सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है।
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सरकार ने किलें बिछाई-
सरकार ने किलें बिछाई हैं, हम गोली और लाठी खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसान केंद्र पर अपनी मांगों के समाधान के लिए दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी मांगों में सबसे प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला कानून बनाना है और इसके अलावा बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करके लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजा और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की मांग की जा रही है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने 2 साल पहले जो वादे किए थे, वह पूरी नहीं किए हैं।
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