Sudarshan Setu: रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कच्छ की खाड़ी में भारत के सबसे लंबे केवल आधारित पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन करने वाले हैं। इसे सिग्नेचर ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से मुख्य भूमि गुजरात के देवभूमि द्वारका में ओखा तट पर बेट द्वारिका दीप से जोड़ने वाला है। यह सिग्नेचर ब्रिज तकनीकी रूप से एक सी-लिंक है जो कि गुजरात के लिए पहला पुल है। इसकी कुल लंबाई 4,772 मीटर है। जिसमें 900 मीटर लंबा केवल पर रुका हुआ खंड भी शामिल है।
978 करोड रुपए की लागत-
978 करोड रुपए की लागत से बना यह पुल चार लेन पुल है, जो कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया गया है। गिर सोमनाथ में ऊना तट पर मौजूद केंद्र शासित प्रदेश द्वीप के बाद बेट द्वारिका गुजरात तट पर दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। वर्तमान में बेट द्वाराका और मुख्य भूमि गुजरात के बीच परिवहन का एकमात्र साधन द्वारका से मुख्य भूमि के निकटतम बिंदु ओखा तक चलने वाली नौका सेवा है।
हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी-
यह सिग्नेचर ब्रिज द्वीप को हर मौसम में सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। पुल 32 खंबो द्वारा समर्थित है, जो की 900 मीटर लंबाई के साथ केवल पर रुके हुए स्पेन का समर्थन करता है। 27 मीटर चौड़ाई गेराज में कैरिजवे के अलावा पुल के दोनों और पैदल मार्ग है। इसके स्तंभों को भागवत गीता के श्लोक और भगवान कृष्ण की छवियों से भी सजाया गया है। सौर पैनल वॉकवे की छत बनाते हैं।
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NH डिवीजन द्वारा बनाया गया-
सौराष्ट्र के समुद्री तट के साथ चलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 51 के एक हिस्से के रूप में निर्मित इस पुल को गुजरात सड़क और भवन विभाग के NH डिवीजन द्वारा बनाया गया है। सरकार ने एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया था। पंचकुला में मौजूद कंपनी पिछले जून में तब खबरों में थी, जब बिहार में इसका निर्माणाधीन अगवानी सुल्तानगंज गंगा पुल ढह गया था।
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