Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी के अलग होने के बाद पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को अलीगढ़ की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिए जाने की खबरें आ रही हैं। हालांकि इस पर अभी मोहर नहीं लगाई गई है। ऐसी खबर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और सत्यपाल मलिक की मुलाकात के बाद सामने आ रही है। अगर सत्यपाल मलिक सपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ते हैं, तो जयंत चौधरी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि सत्यपाल मलिक का जाट बिरादरी से मजबूत रसूक है और वह किसान आंदोलन में काफी मुख्य भी रहे हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी विरोधी के बड़े चेहरे में से एक है।
जयंत के पाला बदलने के बाद-
सूत्रों के हवाले से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्यपाल मलिक को अलीगढ़ लोकसभा सीट से लड़ने की पेशकश रखी है। सत्यपाल मलिक अलीगढ़ से 1989 में एमपी रह चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जयंत के पाला बदलने के बाद सपा प्रमुख अब जाट लैंड में अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। कुछ समय पहले ही इंडिया ब्लॉक और समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी ने पाला बदल लिया था और बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो गए थे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे जयंत चौधरी के अलग होने के बाद अखिलेश यादव ने पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को अलीगढ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है अगर सत्यपाल मलिक चुनाव मैदान मे उतरते है सपा मे शामिल होकर तो रालोद को मिलने वाली दो सीटों पर भी जयंत चौधरी को मुश्किलों का सामना करना… pic.twitter.com/3cZkVX6iBc
— राजनीति 24×7 (@Rajneeti81) March 2, 2024
1989 से 91 तक जनता दल के सांसद-
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सपा पार्टी के टिकट पर आने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ने के लिए तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले मलिक ने 1989 से 91 तक जनता दल के सांसद के रूप में अलीगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन 1996 में बीजेपी की शीला गौतम से चुनाव हार गए थे। 8 नवंबर 2021 को मलिक को ग्लोबल जाट शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था और अपने भाषण में उन्होंने 2020-21 के भारतीय राष्ट्रीय किसानों के विरोध के बारे में भारत सरकार को चेतावनी दी थी।
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नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रचार-
उन्होंने कहा कि “आप सिक्खों पर काबू नहीं पा सकेंगे, गुरु के चार बच्चों की हत्या कर दी गई है, लेकिन गुरु ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया। आप जाटों को भी नहीं हरा सकते।” पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसान मुद्दों को लेकर हमेशा आवाज बुलंद करते रहते हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि वह इस चुनाव में बीजेपी और नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रचार जरूर करेंगे। अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक वह जम्मू कश्मीर के दसवें और अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल के दौरान 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया गया। बाद में वह गोवा चले गए और 18 राज्यपाल बने, अक्टूबर 2022 तक वह मेघालय के 21 वे राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहे।
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