इस समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी चर्चा में बनी हुई है। पहले तो संदेशखाली को लेकर शाहजहां शेख पर कार्यवाही करनी पड़ी और अब उनकी पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वह पार्टी के इन दोनों पदों पर नहीं रहना चाहते हैं। उनका कहना है कि सिस्टम में वह फिट नहीं बैठते। माना जा रहा है कि उन्होंने दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है।
আমি @AITCofficial এর রাজ্য সাধারণ সম্পাদক ও মুখপাত্র পদে থাকতে চাইছি না। সিস্টেমে আমি মিসফিট। আমার পক্ষে কাজ চালানো সম্ভব হচ্ছে না। আমি দলের সৈনিক হিসেবেই থাকব। দয়া করে দলবদলের রটনা বরদাস্ত করবেন না। @MamataOfficial আমার নেত্রী, @abhishekaitc আমার সেনাপতি, @AITCofficial আমার…
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) March 1, 2024
टीएमसी के नाम को हटा दिया-
इसके अलावा उन्होंने अपनी बात रखते हुए, कई आरोप भी लगाए हैं। असल में कुणाल घोष ने अपने ट्विटर हैंडल के बायो से टीएमसी के नाम को हटा दिया और उसके साथ ही सिर्फ समाज कार्यकर्ता और पत्रकार लिखा। इसके साथ एक ट्वीट करते हुए पद से हटाने के बारे में कुणाल घोष ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बेहद खास माने जाते हैं।
महासचिव और वक्ता-
उन्होंने कहा कि टीएमसी का प्रदेश महासचिव और वक्ता नहीं रहना चाहता हूं, मैं सिस्टम में फिट नहीं बैठता हूं, मैं पार्टी कार्यकर्ता बनकर ही रहना पसंद करूंगा। कृपया दल बदल के अफवाहों पर ध्यान ना दें। हालांकि उन्होंने खुद को पार्टी का सिपाही बताया और ममता बनर्जी के साथ-साथ अभिषेक बनर्जी को भी टैग किया है।
ये भी पढ़ें- Rameshwaram Cafe Blast: बेंगलुरु के फैमस कैफे में हुआ बड़ा धमाका, यहां जाने धमाके का कारण
स्वार्थी और गुटबाजी-
इससे पहले गुरुवार को एक पोस्ट में कुणाल घोष ने बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष किया था। उन्होंने लिखा था कि वह पूरे साल काम चोरी करते हैं और कुछ नेता अब सक्षम, स्वार्थी और गुटबाजी करने वाले हैं। वह पूरे साल काम चोरी करते हैं और चुनाव करीब आने पर दीदी, अभिषेक और टीएमसी के नाम पर जीत हासिल करते हैं। ऐसा बार-बार नहीं होगा जीत पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह पर निर्भर करती है। व्यक्तित्व लाभ हानि पर नहीं।
ये भी पढ़ें- 3 सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मिली सरकार की मंज़ूरी, TATA Group करेगा दो की स्थापना, प्रत्यक्ष रोजगार..