OTT Platform Ban: हाल ही में सरकार की ओर से एक अहम फैसला लिया गया है। इस फैसले में ऐसे 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया, जो अश्लील सामग्री प्रसारित करते हैं। इसके साथ ही 19 वेबसाइट, 10 एप्स और इन प्लेटफॉर्मों से जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। जिन ओटीटी प्लेटफॉर्म को ब्लॉक किया गया है। Dreams Films, Yesuma, Uncut Adda, Tri Flicks, X Prime, Neon XVIP, Besharams, Hunters, Rabbit, Xtramood, Nuethics, MoodX, Mojflix, Fugi, Chikoofix, Prime Play, Naturs of Content, Hot Shots VIP, Voovi शामिल है। इसके साथ ही यूट्यूब से 12, ट्विटर से 16 अकाउंट फेसबुक से 12 अकाउंट और इंस्टाग्राम से 17 हटाए गए हैं।
Ministry of I&B blocks 18 OTT platforms for obscene and vulgar content after multiple warnings; 19 websites, 10 apps, 57 social media handles of OTT platforms blocked nationwide, says the government. pic.twitter.com/03ojj3YEiF
— ANI (@ANI) March 14, 2024
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-
यह फैसला केंद्र सरकार के अन्य विभागों मीडिया, मनोरंजन, महिला अधिकारों और बाल अधिकारों की विशेषज्ञ वाले डोमेन विशेषज्ञों के परामर्श से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत लिया गया है। सरकार की ओर से इन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई थी। मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रैलय अनुराग सिंह ठाकुर ने बार-बार प्लेटफार्म की जिम्मेदारी पर जोर दिया है। वह अश्लीलता और व्यवहार का प्रचार रचनात्मक अभिव्यक्ति की आड़ में ना करें।
अनुराग सिंह ठाकुर-
अनुराग सिंह ठाकुर ने 12 मार्च 2024 को ही घोषणा की थी, की अश्लील सामग्री प्रकाशित करने वाले 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म को हटा दिया गया है। मंत्रालय की ओर से भी कहा गया कि यह निर्णय भारत सरकार के अन्य मंत्रालय और मीडिया, मनोरंजन, महिलाओं के अधिकारों और बाल अधिकारों में विशेषज्ञ वाले डोमेन, विशेषज्ञों के परामर्श सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत लिया गया है।
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अनाचार पूर्ण रिश्ते-
मंत्रालय ने यह पाया कि इन प्लेटफार्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री अश्लील और महिलाओं को अपमानजन तरीके से चित्रित करने वाली है। जिसमें आगे कहा गया है की सामग्री में अलग-अलग अनुच्छेद संदर्भ और जीवन को दर्शाया गया है, जैसे कि शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंध, अनाचार पूर्ण रिश्ते आदि शामिल हैं। कुछ मामलों में अश्लील दृश्य के लंबे खंड हैं। मंत्रालय ने आईपीसी की धारा 292 महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व अधिनियम 1986 की धारा 4, आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए का उल्लंघन माना गया है।
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