Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से ही सियासत गर्म हो चुकी है। बसपा की मायावती के बाद अब सपा के अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा करना सरकार का पहला दायित्व है। अगर सरकार हिफाजत नहीं कर पाई तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सपा के अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के भी जीवन की रक्षा होनी चाहिए। सरकार का यह सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य है। अखिलेश ने कहा कि सरकारों पर निम्नलिखित हालातो में हालातो में से किसी भी हालत में किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठाती है।
न्यायाधीशों की निगरानी में जांच-
पुलिस स्टेशन में बंद रहने के दौरान, जेल के अंदर आपसी झगड़े में, जेल के अंदर बीमार होने पर, न्यायालय ले जाते समय, अस्पताल ले जाते समय, अस्पताल में इलाज के दौरान, छोटी मुठभेड़ दिखा कर, झूठी आत्महत्या दिखाकर, किसी दुर्घटना में हता हत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की निगरानी में जांच करनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर, जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वह पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि जो भी हुकूमत जिंदगी की हिफाजत नहीं कर पाती, सत्ता में रहने का उस सरकार को अधिकार नहीं है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा: “हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की… pic.twitter.com/tQxnBZJNhC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 29, 2024
मुख्तार अंसारी की मौत-
यह यूपी में कानून व्यवस्था का शून्य काल है। मुख्तार अंसारी की मौत पर समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की जिन भी परिस्थितियों में मौत हुई है, वह काफी चिंताजनक है। उन्होंने न्यायालय में अर्जी देकर पहले ही जहर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। ना जेल में कोई सुरक्षित है, ना पुलिस की कस्टडी में, ना ही अपने घर पर। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों के मुंह को बंद करने का की कोशिश की जा रही है। क्या मुख्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गई अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जांच करेगी यूपी सरकार।
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पूर्व मुख्यमंत्री मायावती-
वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी की मौत की उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर करते हुए मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर के परिवार द्वारा जो लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं। उन पर उच्च स्तरीय जांच जरूर की जानी चाहिए, जिससे उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे।
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