Navratri Day 5: 13 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कंद माता की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है। माता का यह स्वरूप हर किसी के मन को मोह लेने वाला होता है। इनकी चार भुजाएं हैं और दो हाथों में वह कमल का फूल एक हाथ में स्कंद जी को बाल रूप को संभालते हुए हैं। मां दुर्गा के इस दिव्य स्वरूप का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा अर्चना के साथ उनकी विशेष आरती भी की जाती है।
मंत्र का जाप-
इसके साथ ही आपको पूजा के दौरान मां स्कंदमाता के मंत्र का जाप करना चाहिए, जो ओम देवी स्कंदमातायै नमः है। नवरात्रि के पंचमी तिथि पर माता की पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए ओम स्कंदमातायै नम:। अगर किसी मंत्र का उच्चारण करना कठिन हो तो आप इस आसान मंत्र का भी उच्चारण कर सकते हैं। संतान प्राप्ति की कामना के लिए इस मंत्र के साथ ही मां की आराधना करने से लाभ मिलता है।
केले को हल्वे का भोग-
मां स्कंदमाता को केले और उससे बनी चीज काफी प्रिया होती है। आप केले से बनी चीज का भोग लगा सकते हैं भोग के रुप में आप मात को केले के हलवे का भी भोग लगा सकते है। हलवा बनाने के लिए आपको सबसे पहले कुछ केलों को छिलना होगा, इसके बाद इसे टुकड़ों में काटना होगा, आंच पर कढ़ाई चढ़ाने के बाद एक कप घी डालकर गर्म करें, कटे हुए मैवे को घी में डालें, उसके बाद केले को घी में डाल दें।
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पूजा विधि-
कुछ समय के लिए भूनें और एक कप चीनी डाल दें। अब गाढ़ा होने तक पकाएं, तैयार होने पर उसे आंच से उतारने के बाद इलायची पावडर डालें आपका हलवा बनकर तैयार है। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रातः सुबह स्नान के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए, पूजा के लिए हाथ में लाल पुष्प लेकर उसमें भी स्कंदमाता का आवाहन करना चाहिए, माता की आरती कर शंख बजाएं और मंत्रों का जाप करें।
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