Himachal: दिल्ली समेत भारत के बहुत से राज्यों में इस समय पानी कमी का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। वहीं पड़ोसी राज्य से ज्यादा पानी दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जिसके बाद अब आप सरकार को बहुत बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी ओर से आदेश सुनाने से इनकार करते हुए फैसला अपर यमुना रिवर बोर्ड पर छोड़ दिया है। कोर्ट का कहना है कि राज्यों के बीच पानी बंटवारे का मुद्दा मुश्किल है।
यमुना में पानी का बंटवारा (Himachal)-
इस बीच हिमाचल प्रदेश भी ज्यादा पानी भेजने के लिए अपने पहले के बयान से मुकर गया है और उसने कहा है कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है। वहीं जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा है कि यमुना में पानी का बंटवारा राज्यों के बीच एक मुश्किल विषय है और कोर्ट के पास इसकी तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है।
दिल्ली सरकार को निर्देश (Himachal)-
अदालत ने कहा की मुद्दा UYRB पर छोड़ देना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने UYRB को शुक्रवार के सभी पक्षों की बैठक बुलाने और जल्द ही इसका फैसला लेने के लिए भी कहा है। दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं, कि वह मानवीय आधार पर विचार के लिए शाम 5:00 बजे तक बोर्ड के सामने आवेदन दे सकते हैं।
136 क्यूसेक पानी-
वहीं दिल्ली को 136 क्यूसेक पानी देने का वादा करने वाली हिमाचल सरकार अपने रूख से पलट चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश से अपना पुराना बयान वापस ले लिया और कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से उस याचिका पर भी सुनवाई चल रही थी।
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दिल्ली सरकार का आरोप-
जिसमें यह मांग की गई थी कि हरियाणा को हिमाचल की ओर से छोड़े जाने वाले अतिरिक्त पानी को दिल्ली तक निर्बाध रूप से जाने देने के लिए कहा जाए। भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में लोगों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार का यह आरोप है कि हरियाणा की ओर से यमुना में कम पानी छोड़ा जा रहा है। जिसकी वजह से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता कम हो गई है।
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