BJP in UP: हाल ही में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भाजपा कार्यकर्ता समिति की एक बैठक की गई, जिसमें असंतुष्ट कार्यकर्ताओं के चेहरे और पार्टी की चर्चाओं में नई जान फूकने के प्रयास देखने को मिले। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी पार्टी के सदस्यों से कहा कि आपका दर्द मेरा भी दर्द है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया, कि संगठन सरकार से बड़ा है और सभी मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए। उसके सम्मान का भी ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा ही बड़ा रहेगा।
कार्यकर्ताओं की चिंताओं को आवाज-
कांग्रेस और सपा ने झूठ बोलकर और धोखा देकर, हमें कुछ समय के लिए पीछे कर दिया है। लेकिन साल 2027 में हम 300 सीटों को पार करने के लक्ष्य के साथ फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे। मौर्य को सबसे ज्यादा सराहना तब मिली, जब उन्होंने राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की चिंताओं को आवाज दी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिल्कुल अलग लाइन खींचते हुए कहा कि अति आत्मविश्वास ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है। आदित्यनाथ ने कहा है कि भाजपा पिछले चुनाव में अपने वोट प्रतिशत को बरकरार रखने में कामयाब है।
स्थानांतरण और अधिक आत्मविश्वास-
लेकिन वोटो का स्थानांतरण हुआ, अब पराजित विपक्ष फिर से इधर-उधर कर रहा है। आदित्यनाथ का कहना है कि साल 2014 और उसके बाद के चुनाव में भाजपा के पक्ष में जितने वोट प्रतिशत थे. भाजपा 2024 में भी उतने ही वोट पाने में सफल रही है। लेकिन वोटो के स्थानांतरण और अधिक आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को चोट पहुंचाई है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 33 सीटें जीती, जो 2019 में हासिल की गई 62 से काफी कम है। कांग्रेस ने 6 सिटें जीती, इसके साथ ही इंडिया ब्लॉक में शामिल समाजवादी पार्टी ने राज्य में 37 सिटें हासिल की, जो कि संसद के निचले सदन में 80 सदस्य भेजती है। हालांकि बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार जिस तरह से कम कर रही है, उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष-
जिस समय प्रदेश अध्यक्ष से लेकर केशव मौर्य तक वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं के मुद्दों को संबोधित कर रहे थे, तो आदित्यनाथ ने सवाल करते हुए कहा कि कार्यकर्ता विपक्ष की नकारात्मकता का जवाब क्यों नहीं दे सकते।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब स्मार्टफोन पर गुड मॉर्निंग संदेश भेजें जा सकते हैं, तो विपक्ष द्वारा फैलाई जा रहे हैं झूठ को का जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है। नेता ने कार्यकर्ताओं की बात की, लेकिन राजनीतिक प्रस्ताव में कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष का ज़िक्र नहीं किया। इसके साथ ही नौकरशाही के खिलाफ उन मुद्दों का भी जिक्र नहीं किया गया, जिन्हें राज्य के स्थानीय नेता लगातार उठाते रहे हैं। चुनाव के दौरान सामने आया कि कार्यकर्ता निराश होकर घर बैठ गए, तहसीलों में लोगों के काम नहीं करवा पाए। लेकिन कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई।
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अभिषेक मनु सिंघवी-
इसके अलावा पूर्व कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने सत्ता रूढ़ि पार्टी का मजाक उड़ाते हुए दावा किया है कि उत्तर प्रदेश भाजपा के अंदर असंतोष चल रहा है, उत्तर प्रदेश में अब तीन मुख्यमंत्री हैं, वरिष्ठ अधिवक्ता ने समीक्षा बैठक को हास्य पद बताया है। उन्होंने कहा कि यूपी बीजेपी की समीक्षा बैठक हास्य पद बैठक के ग्रुप में आ गई और सार्वजनिक रूप से झगड़ा हुआ। यूपी में अब तीन मुख्यमंत्री हैं, जिसमें से दो अपने पद नाम से उप हटाने के लिए बेताब है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है की श्रेष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय मुखिया को पद से हटाने का निर्णय ले लिया।
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