Sheikh Hasina: हाल ही में बांग्लादेश से बड़ी खबर सामने आई है, जहां बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हिंसक विरोधी प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया है और राजधानी ढाका को भी छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक वह और उनकी बहन अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि वह भाषण रिकार्ड करना चाहती थी, लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिल सका। सैकड़ो हजारों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी की सड़कों पर मार्च किया और बाद में प्रधानमंत्री के महल पर धावा बोल दिया।
भारी भीड़ सड़कों पर-
सोशल मीडिया पर तस्वीरों में दिख रहा है कि भी ढाका में भीड़ प्रधानमंत्री के अधिकारिक आवास की ओर भाग रही है और जश्न मनाते हुए कैमरे की ओर हाथ हिला रही है। संवाददाताओं के मुताबिक ढाका में बख्तर वाहनों के साथ सैनिकों और पुलिस ने शेख हसीना के कार्यालय तक जाने वाले सभी मार्गों पर कांटेदार तार लगाकर बैरिगैट्स लगा दिए थे। लेकिन भारी भीड़ सड़कों पर उतर आई और अवरोधों को भी तोड़ दिया।
चार लाख प्रदर्शनकारी-
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लगभग चार लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे थे, लेकिन इस आंकड़ों की पुष्टि करना असंभव था। यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख कल भीषण झड़पों में 98 लोगों के मारे जाने के बाद राष्ट्र का संबोधन करने वाले हैं। इसके साथ ही पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शन से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से ज्यादा हो गई है।
आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन-
सिविल सेवा व नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुई, रैलिया प्रधानमंत्री हसीना के 15 साल के शासन के सबसे खराब प्रदर्शनों में बदल गए और 76 साल की शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ने की मांग व्यापक स्तर पर उठने लगी। यह प्रदर्शन पूरे बांग्लादेश में एक व्यापक सरकार विरोधी आंदोलन बन गया है।
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इस्तीफे की मांग-
जिसमें फिल्मी सितारे, संगीतकार, गायक सभी शामिल हैं। लोगों से समर्थन की अपील करने वाले गाने सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैलाए गए हैं। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बढ़ती हुई हिंसा को रोकने के उद्देश्य से शेख हसीना की वार्ता के निमंत्रण को खारिज कर दिया था और अपनी मांगों को एकजुट करते हुए उनकी इस्तीफे की मांग की थी।
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