Kangana Ranaut: भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को पार्टी सांसद कंगना रनौत को फटकार लगाते हुए, उनके विवादास्पद बयान से खुद को अलग कर लिया। कंगना ने एक बयान में कहा था, कि अगर भाजपा का नेतृत्व मजबूत नहीं होता, तो किसानों के विरोध प्रदर्शन से देश में बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। भाजपा ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया, “किसान आंदोलन के बारे में भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा दिया गया बयान, पार्टी की राय नहीं है। भारतीय जनता पार्टी कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान से अपनी असहमति व्यक्त करती है।”
ऐसा करने का अधिकार नहीं-
पार्टी ने आगे कहा, “कंगना रनौत को पार्टी की नीति पर बयान देने की न तो अनुमति है और न ही उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। उन्हें भविष्य में ऐसा बयान न देने का निर्देश दिया गया है।” एक्स पर शेयर किए गए, एक वीडियो में मंडी की सांसद कंगना रनौत ने आरोप लगाया, कि अब निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान “लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे।” उन्होंने कहा, “बांग्लादेश की तरह इस सब के पीछे एक लंबी योजना थी।
कंगना ने यह भी दावा किया-
किसानों ने कभी नहीं सोचा था कि सरकार द्वारा उनकी मदद के लिए पेश किए गए तीन बिल वापस ले लिए जाएंगे। लेकिन वह अभी भी वहीं बैठे हैं।” कंगना ने यह भी दावा किया कि चीन, अमेरिका और अन्य विदेशी ताकतें अंदरूनी लोगों की मदद से देश को तबाह करने की साजिश में शामिल हैं। वहीं कंगना के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरजेवाला ने एक्स पर लिखा, “आखिर भाजपा के लोग देश के अन्नदाताओं से इतनी नफरत क्यों करते हैं।
अन्नदाताओं पर अत्याचार-
भाजपा ने हमेशा झूठ बोला है, धोखा दिया है और हमारे अन्नदाताओं पर अत्याचार किया है। एक बार फिर भाजपा के एक सांसद ने हमारे अन्नदाताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। सवाल यह है कि क्या कंगना ने भाजपा की चुनावी रणनीति के तहत किसानों पर यह घटिया आरोप लगाया है” अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने भी भाजपा सांसद की टिप्पणी की निंदा की है। एआईकेएस के अध्यक्ष डॉ. अशोक धावले ने कहा कि रनौत की टिप्पणी बेहद निंदनीय है।
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कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन-
यह बयान अभिनेत्री से नेता बनी कंगना ने अपने बाहरी और आंतरिक आकाओं को खुश करने के लिए दिया है जो कृषि को निगलना चाहते हैं। AIKS ने दावा किया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन, जो देश की संप्रभुता और खाद्य सुरक्षा से समझौता करता, खराब मौसम, कोविड महामारी और राज्य की हिंसा के बीच 736 शहीद हुए।हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों में कंगना की टिप्पणी के संभावित नकारात्मक प्रभाव से भाजपा सावधान रहेगी। हरियाणा में नायब सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार किसानों को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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