Garba Pandal: सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के इंदौर इकाई जिला के एक शीर्ष पदाधिकारी ने आयोजकों से कहा, कि वह आने वाले नवरात्रि के पावन त्यौहार में लोगों को गोमूत्र के आचमन करने के बाद ही गरबा पंडालू में आने दें। वही कांग्रेस नेता ने बीजेपी के नेता की इस बात पर सवाल उठाते हुए, इसे सत्तारुढी दल की ध्रुवीकरण की राजनीति का नया पैंतरा बताया है। हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक, आचमन का मतलब पूजा और यज्ञ जैसे धार्मिक कर्मकांड शुरू करने से पहले शुद्धी के लिए मंत्र पढ़ते हुए जल पीना होता है।
सनातन धर्म में आचमन का बड़ा महत्व-
बीजेपी के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा का कहना है, कि सनातन धर्म में आचमन का बड़ा महत्व है। इसीलिए हमने आयोजिकों से अनुरोध किया है, कि श्रद्धालुओं को गरबा पंडाल में आने से पहले गोमूत्र से उनका आचमन कराया जाए। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं, नवरात्रि पर्व के दौरान गरबा पंडाल में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आएं।
आचमन से इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं-
लेकिन कई बार इसमें कुछ ऐसे लोग आ जाते हैं, कि उन्हें लेकर चर्चाएं होने लगती है। वर्मा ने यह भी कहा कि आधार कार्ड में एडिटिंग हो सकती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति हिंदू है, तो वह व्यक्ति गोमूत्र का आचमन करेगा। अगर कोई हिंदू है तो आचमन से इनकार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शुक्ला का कहना है, कि गौशालाओं की दुर्दशा पर चुप रहने वाले भाजपा नेता को गौ सेवा नहीं करनी है।
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ध्रुवीकरण की राजनीति-
बल्कि सियासत करनी है, गोमूत्र से आचमन करने के बाद लोगों को गरबा पांडाल में प्रवेश करने की बात कह कर भाजपा ने एक बार फिर से ध्रुवीकरण की राजनीति का नया पैंतरा फेंक दिया है। शुक्ला का कहना है कि सभी भाजपा नेताओं को चाहिए, कि वह गरबा पंडाल में प्रवेश से पहले गोमूत्र से आचमन करें और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालें, जिससे अन्य लोगों को भी इसकी प्रेरणा मिल सके।
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