Congress: रविवार को कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग को तेज कर दिया। क्योंकि कर्नाटक में उनके और अन्य के खिलाफ अब समाप्त हो चुके इलेक्टोरल बॉन्ड योजना से जुड़ी एक एफआईआर दर्ज की गई है। पार्टी ने अधीनता और विरूपण को रोकने के लिए अदालतों की निगरानी में निष्पक्ष जांच की भी मांग की। अधिकारियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के पदाधिकारी समेत अन्य के खिलाफ शनिवार को मामला दर्ज किया गया था।
चुनावी बांड की आड़ में जबरन वसूली (Congress)-
जन अधिकार संघर्ष परिषद के अध्यक्ष आदर्श आर्य ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था, कि चुनावी बांड की आड़ में जबरन वसूली की गई है। एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और जय राम रमेश ने कहा, कि “वित्त मंत्री और अन्य के खिलाफ FIR कर्नाटक की एक विशेष अदालत के निर्देश पर दर्ज की गई थी और कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है।”
“FIR में सीतारमण आरोपी नंबर एक”-
उन्होंने यह मांग की है, कि सीतारमण कानूनी और राजनीतिक आधार पर इस्तीफा दें। सिंघवी का कहना है कि उनकी पार्टी को उम्मीद है, कि न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इस भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बुलाया जाएगा और उनके बयान भी दर्ज किए जाएंगे, इसके साथ ही उस आधार पर उन्हें गिरफ्तार भी किया जाएगा। बेंगलुरु में दर्ज किए गए, इस मामले के बारे में बात करते हुए, सिंघवी ने कहा कि FIR में सीतारमण को आरोपी नंबर एक बताया गया है।
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अन्य लोगों पर भी आरोप-
इसके साथ ही बीजेपी और ईडी के पदाधिकारी और अन्य लोगों पर भी आरोप लगाया गया है। क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर चुनावी बॉन्ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कंपनियों से पैसे ऐंठने की साज़ीश रची थी। उनका कहना है कि वित्त मंत्री अकेले ऐसा नहीं कर सकतीं, हम जानते हैं कि नंबर एक और नंबर दो कौन है और यह किसके निर्देश पर किया गया है, जल्द से जल्द इस पर जांच होनी चाहिए।
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