Maharashtra CM: सोमवार को महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री पद के संबंध में किसी भी फार्मूले की चर्चा को खारिज करते हुए कहा, कि महायुति गठबंधन के सहयोगी मिलकर इस बात पर फैसला करेंगे। उन्होंने यह भी कहा, कि राज्य विधानसभा चुनाव में महायुति की भारी जीत के बाद महा विकास अघाड़ी के पास विपक्ष के नेता पद पर दावा करने के लिए पर्याप्त ताकत ही नहीं बची है। राकांपा प्रमुख ने गठबंधन की सफलता का श्रेय सरकार की लड़की बहन योजना जैसी पहल को दिया है, जो महिलाओं को वित्तिय सहायता देती है।
मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार कौन? (Maharashtra CM)
महायुति गठबंधन जिसमें भाजपा, एनसीपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल है, नए राज्य चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 विधानसभा सीटों में से 233 सीटें हासिल की है। बीजेपी ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 132 सीटें जीती। जिसके बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। जब पवार से यह सवाल किया गया, कि क्या मुख्यमंत्री पद के लिए कोई फार्मूला तय किया जाए रहा है।
फार्मूले पर चर्चा नहीं-
इस पर पवार ने कहा, कि किसी फार्मूले पर चर्चा नहीं हो रही है। हम तीनों एक साथ बैठेंगे और सीएम पद पर चर्चा करेंगे। अजीत पवार ने कहा, कि कल एनसीपी ने मुझे विधानसभा में पार्टी का नेता चुना। एकनाथ शिंदे को भी इस विधानसभा में शिवसेना का नेता चुना गया है और भाजपा भी ऐसा ही करेगी। हम साथ बैठकर चर्चा करेंगे और एक स्थिर सरकार देंगे। पवार ने यह भी कहा, कि तीनों दलों के बीच मंत्रिमंडल गठन पर क्या फार्मूला तैयार किया जाएगा, इस पर भी फैसला किया जाएगा।
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विधानसभा सदस्यों का सम्मान करने की परंपरा-
पावर का कहना है, कि हमारे पास अपना बड़ा बहुमत है। विपक्ष में एक भी पार्टी के पास विपक्ष का नेता नामित करने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। यह एक सच्चाई है और कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता। पवार का कहना है, कि महायुति नेता विपक्ष और अन्य विधानसभा सदस्यों का सम्मान करने की परंपरा को कायम रखेंगे।पवार ने अपनी जीत में योगदान के लिए लड़की बहन योजना को भी श्रेय दिया। उन्होंने कहा, कि हम इस चुनाव में लड़की बहन के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हम महिला मतदाताओं के आभारी हैं। इस योजना का बचाव करते हुए, राज्य के वित्त मंत्री ने यह कहा, कि अगर मैंने लड़की बहन योजना का विरोध किया होता, तो मैं इसे सदन में पेश नहीं करता, मैं इसे अंतरिम रूप देने से पहले कई रिटायर्ड अधिकारियों से सलाह ली थी।
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