Jawaharlal Nehru’s letters: इस समय देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की चिट्ठियों को लेकर बवाल मचा हुआ है। यह मुद्दा सोमवार को संसद में भी उठाया गया। बीजेपी ने नेहरू की चिट्ठियों पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की। बीजेपी सांसद संबित पात्रा का कहना है, कि इन चिट्ठियों में ऐसा क्या है, जो गांधी परिवार नहीं चाहता, कि देश के लोग जानें। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लेडी एडमिन माउंटबेटन और अन्य को क्या लिखा था। जिसे छुपाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल यह विवाद पूरा तब शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री संग्रहालय पुस्तकालय समिति के सदस्य रिज़वान कादरी ने राहुल गांधी को एक खत लिखा।
जवाहरलाल नेहरू के खत वापस (Jawaharlal Nehru’s letters)-
जिसमें उन्होंने राहुल गांधी से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खत वापस करने को कहा था। यह चिट्ठियों कथित तौर पर साल 2008 में सोनिया गांधी तक पहुंचाई गई थी। 51 डिब्बे में भरकर नेहरू जी के खत यूपीए के शासनकाल में साल 2008 में सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। प्रधानमंत्री संग्रहालय पुस्तकालय समिति से इन खातों को लिया गया था। पीएमएल का कहना है, कि पूर्व प्रधानमंत्री के खत ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज हैं और यह किसी की निजी संपत्ति कैसे हो सकते हैं।
सोनिया गांधी का निर्देश (Jawaharlal Nehru’s letters)-
इसलिए उन्हें संग्रहालय को इसे वापस दे देना चाहिए। पंडित जवाहरलाल नेहरू की यह चिट्टियां जब जवाहर नेहरू मेमोरियल ने 1971 में प्रधानमंत्री संग्रहालय एंव पुस्तकालय को दी थी, यह वह दस्तावेज हैं, जो दान किए गए थे मेमोरियल को। कहा जा रहा है, कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की चिट्ठियों और अन्य दस्तावेज को कथित तौर पर साल 2008 में सोनिया गांधी के निर्देश पर संग्रहालय से निकाला गया था। सोनिया गांधी के निवास पर 51 डिब्बों में पहुंचाई गई।
राष्ट्र की धरोहर-
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने संसद में सवाल उठाते हुए कहा, कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के खातों को क्यों छुपाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, कि माउंटबेटन की पत्नी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच जो खत लिखे गए थे, उसे गायब कर दिया है। जयप्रकाश नारायण और नेहरू के बीच पत्रों के जरिए जो बातचीत हुई, वह धरोहर हैं राष्ट्र की और वापस किया जाना चाहिए उन लेटर को। कांग्रेस पर तंज कसते हुए, उन्होंने कहा, कि मुझे इस बात की उत्सुकता है, कि नेहरू जी ने एडविम माउंटबेटन को क्या लिखा होगा।
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ध्यान देने वाली बात-
जिसे सेंसर करने की जरूरत पड़ गई। ध्यान देने वाली बात यह है, कि इतिहासकार कादरी ने पत्र लिखकर कहा, कि राहुल गांधी अपनी माताजी से बात करें और नेहरू की वह सारी माउंटबेटन लौटा दें। क्योंकि यह राष्ट्र की धरोहर हैं, देश के हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है, कि उनके पहले प्रधानमंत्री किससे क्या बात करते थे और कौन से दस्तावेजों पर साइन कर रहे थे। कादरी का कहना है, कि सोनिया गांधी से कोई जवाब नहीं मिलेने के बाद ही उन्होंने राहुल गांधी को लेटर लिखा।
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