Chicken or Egg Debate: लोगों के मन में सदियों से यह सवाल आता रहा है, कि आखिर इस दुनिया में पहले मुर्गी आई या अंडा। यह एक ऐसी पहेली है जिस पर मजाक, बहस और वैज्ञानिक जांच सब कुछ हो चुका है।पहले मुर्गी आई या अंडा इसका जवाब जानने के लिए हमें अंडों के दिलचस्प इतिहास और मुर्गियों के विकास किया को गहराई से जाना होगा, जो लाखों साल पुरानी है। अंडे पूरे पशु जगत में व्यापक रूप से पाए जाते हैं। अंडा तकनीकी रूप से अंदर से एक झिल्ली से घिरा हुआ कंटेनर होता है, जहां एक जीवन विकसित होता है। कई लाखों सालों पहले एमनियोट्स के विकास के समय से ही मौजूद है।
अंडो का इतिहास-
पहले के समय में जानवर पानी में अंडे दिया करते थे। जिससे वह सूख न जाएं। एमनियोटिक में एक इंपोर्टेंट एवेल्युसनरी इमर्जिन देखने को मिला। उस समय इन अंडों ने तीन झिल्लियां कोरियोन, एमनियन और एलांटोइस को विकसित किया। इसके साथ उन्होंने भ्रूण के लिए उन्होंने एक पूरा सपोर्ट सिस्टम बनाया। इस सफलता ने जानवरों को जमीन पर अंडे देने में सक्षम बनाया। जिससे उनको पानी की जरूरत के बिना ही सुरक्षा और पोषण मिले।
पहले आए अंडे?
ऑस्ट्रेलिया अकैडमी आफ साइंस के मुताबिक, पहली पहले मुर्गी अनुवांशिक परिवर्तन के माध्यम से उत्पन्न हुई थी। दो प्रोटो मुर्गियों ने संभोग किया, जिससे एक दूसरे में उनका डीएनए चला गया। फिर अनुवांशिक परिवर्तन हुए, जिससे पहली मुर्गी का जन्म हुआ। मुर्गी के भ्रूण में परिवर्तन हर कोशिका में दोहराया गया। शोध से पता चलता है, कि एमनियोटिक एग लगभग 340 मिलियन साल पहले दिखाई दिए थे। जबकि मुर्गियां सिर्फ 58 हजार साल पहले ही विकसित हुई। जिससे यह निष्कर्ष निकालना उचित है, कि अंडे मुर्गियों से पहले आए हैं। क्योंकि उन्होंने मुर्गियों के अस्तित्व में आने से बहुत पहले ही अलग-अलग जानवरों ने उन्हें विकसित किया था।
वैज्ञानिकों का तर्क-
हालांकि मुर्गियों में एक प्रोटीन होता है, जो उनके अंडों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोटीन जिसे ओवोक्लेडिन-17 कहा जाता है, जो सिर्फ मुर्गियों की नशों में पाया जाता है और वैज्ञानिकों का तर्क यह है, कि मुर्गी पहले आई होगी। क्योंकि इस ओवोक्लेडिन-17 अंडों के छिलके बनाने के लिए जरूरी है, जो 24 घंटे के अंदर बन जाते हैं, तो यह सवाल कहां रह जाता है। जबकि अंडे मुर्गियों से पहले ही मौजूद थे। मुर्गी के अंडे के निर्माण के लिए ज़रुरी ओवोक्लेडिन-17 उत्पादन के लिए मुर्गियों की जरूरत होती है। आखिरकार मुर्गिया और अंडे एक दूसरे पर निर्भर है, तो यह सवाल कहां रह जाता है।
ये भी पढ़ें- बिल्लियों में कैसे फैल रहा बर्ड फ्लू? पेट फूड के.., जानें कैसे करें बचाव और क्या हैं लक्षण
चिकन और अंडे-
आज के अंडे शुरुआती पक्षियों द्वारा दिए गए, अंडों से बहुत ज्यादा अलग होते हैं। वह अच्छी दक्षता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जिसमें मुर्गियों को कंट्रोल किए गए वातावरण में रखा जाता है। आज के समय में अंडों की सुरक्षा इंसान करते हैं। जिसमें फ्री रेंज या ऑर्गेनिक अंडे जैसे ऑप्शन शामिल हैं। इससे अलग प्रोटो अंडों को स्वतंत्र रूप से रहने वाली मुर्गियां से आते हैं। चिकन और अंडे दोनों ही भरपूर पोषण संबंधी लाभ देते हैं। चिकन दुबला प्रोटीन, बी3 जैसे महत्वपूर्ण विटामिन और जरूरी खनिज प्रदान करते हैं, जो मांसपेशियों की वृद्धि और कम कैलोरी वाले आहार के लिए आदर्श हैं। हमें संतुलित प्रोटीन विटामिन 12, विटामिन डी और स्वस्थ वसा प्रदान करते हैं। अंडे में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो आंखों के साथ का स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाते हैं।
ये भी पढ़ें- बिल्लियों में कैसे फैल रहा बर्ड फ्लू? पेट फूड के.., जानें कैसे करें बचाव और क्या हैं लक्षण