NASA-ISRO Collaboration: भारतीय अंतरिक्ष के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने की तैयारी हो रही है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वर्ष 2025 की वसंत ऋतु में फ्लोरिडा से SpaceX ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। यह घोषणा गुरुवार को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने की।
NASA-ISRO Collaboration ऐतिहासिक मिशन की तैयारी-
गुरुवार को एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शुक्ला ने कहा कि वे एक्सियम मिशन 4 के हिस्से के रूप में माइक्रोग्रैविटी का अनुभव करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि इस मिशन में वे पायलट की भूमिका निभाएंगे। शुक्ला ने यह भी कहा कि वे अपने साथ भारतीय संस्कृति और विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाली वस्तुएं अंतरिक्ष में ले जाएंगे।
NASA-ISRO Collaboration अंतरिक्ष में भारतीय खाना और योग-
शुक्ला ने बताया कि वे अपने क्रू मेंबर्स के साथ विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं और उनमें से कुछ को ISS में ले जाने की योजना बना रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे विंग कमांडर राकेश शर्मा की तरह अंतरिक्ष में योग करेंगे, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, अब जब आपने कह दिया है, तो मैं स्टेशन पर कुछ योगासन जरूर करूंगा।”
अंतर्राष्ट्रीय क्रू का हिस्सा-
इस मिशन का नेतृत्व पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन करेंगी। शुक्ला के अलावा, क्रू में पोलैंड के स्लावोज़ उज़नांस्की-विश्नेव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु भी शामिल हैं। NASA के अनुसार, यह मिशन पोलैंड और हंगरी के पहले अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिलेगा बढ़ावा-
शुक्ला का मानना है कि इस मिशन से प्राप्त अनुभव भारत के आगामी गगनयान मिशन के लिए बेहद उपयोगी होगा, जिसका उद्देश्य स्वदेशी अंतरिक्ष यान में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है।
NASA की ISS प्रोग्राम मैनेजर डाना वीगल ने कहा, “जैसे-जैसे NASA लो-अर्थ ऑर्बिट के भविष्य की ओर देख रहा है, निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन रास्ता बनाने और अनूठे माइक्रोग्रैविटी वातावरण तक पहुंच को विस्तारित करने में मदद कर रहे हैं।”
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यह मिशन न केवल भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। शुक्ला की यह यात्रा भारतीय युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान की ओर आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। साथ ही, यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा।
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