Pankaj Tripathi: अभिनेता पंकज त्रिपाठी, जो ‘मिर्जापुर’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसे चर्चित शो के लिए जाने जाते हैं, ने इस शनिवार को प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का दौरा किया। यह उनके लिए एक गहन आध्यात्मिक क्षण था, जिसमें उन्होंने अपने परिवार के साथ भाग लिया। महाकुंभ मेला, जो दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है, ने लाखों भक्तों को एकत्रित किया है।
Pankaj Tripathi आध्यात्मिकता का अनुभव-
पंकज त्रिपाठी ने एएनआई से बातचीत करते हुए अपने अनुभव को “आध्यात्मिक” बताया। उन्होंने कहा, “यहाँ का माहौल बहुत आध्यात्मिक है। मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने का अवसर मिला।” उनकी आँखों में भावनाएँ स्पष्ट थीं, जो इस विशेष अवसर की महत्ता को दर्शाती थीं। त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, को पवित्र माना जाता है और यहाँ स्नान करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास होता है।
Pankaj Tripathi बच्चों के साथ जुड़ाव-
महाकुंभ मेले के दौरान, पंकज त्रिपाठी ने बच्चों के साथ बातचीत की, तस्वीरें खींचीं और सेल्फी भी ली। उनका यह व्यवहार दर्शाता है कि वे न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं, जो अपने प्रशंसकों और बच्चों के साथ जुड़ने का प्रयास करते हैं। पंकज का यह सरल और सच्चा व्यवहार उनके फैंस के दिलों में और भी गहराई से बस गया है।
महाकुंभ मेला का महत्व-
महाकुंभ मेला, जो 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के दिन शुरू हुआ, हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह एक महीने तक चलने वाला महोत्सव है, जिसमें प्रयागराज आध्यात्मिक भक्ति का केंद्र बन जाता है। इस मेले में लाखों लोग पवित्र स्नान करने और अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक महोत्सव भी है, जो दुनिया भर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस बार के महाकुंभ में, पंकज त्रिपाठी के साथ-साथ कई अन्य प्रसिद्ध हस्तियाँ भी शामिल हुईं, जो इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ाती हैं।
नीना गुप्ता का भी दौरा-
पंकज त्रिपाठी का यह दौरा एक दिन बाद हुआ, जब प्रसिद्ध अभिनेत्री नीना गुप्ता ने भी कुंभ मेले में भाग लिया। ‘बधाई हो’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाने वाली नीना गुप्ता ने इस अनुभव को “अद्वितीय” बताया और इस आयोजन के विशालता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैं यहाँ आने के लिए वर्षों से इच्छुक थी… यह एक अद्वितीय अनुभव था, मैंने आज स्नान किया।” नीना ने इस विशाल सभा को देखकर कहा, “यहाँ का माहौल अद्भुत है। मैंने अपनी जिंदगी में कभी इतनी बड़ी सभा नहीं देख, मैं सरकार की प्रशंसा करती हूँ कि उन्होंने इतना बड़ा आयोजन सफलतापूर्वक आयोजित किया।”
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महाकुंभ का सांस्कृतिक पहलू-
महाकुंभ मेला केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का भी प्रतीक है। इस महोत्सव में विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं के लोग एकत्रित होते हैं। यह एक ऐसा अवसर है जब लोग अपने भिन्नता को भुलाकर एकजुट होते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर भक्ति करते हैं।
इस बार के महाकुंभ में, 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक, लाखों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी लोगों को आकर्षित कर रहा है। महाकुंभ मेला एक ऐसा अद्वितीय अनुभव है, जो हर किसी को अपनी आध्यात्मिकता की ओर खींचता है।
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