Kumbh Mela 2025: आस्था की पवित्र डगर पर चलते हुए जब श्रद्धालु महिलाएं संगम में पावन स्नान के लिए जाती हैं, तो उनके मन में सिर्फ भक्ति का भाव होता है। लेकिन कुछ दुष्प्रवृत्ति के लोग इस पवित्र क्षण को भी अपनी घृणित मानसिकता का शिकार बना रहे हैं। एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कैसे महिलाओं की निजता को तार-तार किया जा रहा है।
गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाती महिलाओं की छिपकर खींची गई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर इन वीडियोज को #mahakumbh2025, #gangasnan और #prayagrajkumbh जैसे हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है।
Kumbh Mela 2025 डिजिटल अपराध का जाल-
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अपराधियों ने एक व्यवस्थित नेटवर्क तैयार किया है, जहां टेलीग्राम के माध्यम से इन वीडियोज की खरीद-फरोखत की जा रही है। जांच में पता चला है कि ‘गंगा रिवर ओपन बाथिंग ग्रुप’, ‘हिडन बाथ वीडियो ग्रुप’ जैसे नाम से बनाए गए टेलीग्राम चैनल्स में 1,999 से 3,000 रुपए तक की मेंबरशिप फीस ली जा रही है।
बुल्ली और सुल्ली डील्स याद है ना जिसमें मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर निकाल कर ऑनलाइन नीलामी हो रही थी।
आज महाकुंभ में स्नान करने वाली महिलाओं का वीडियो 2000 से 3000 रुपये में ऑनलाइन बेचा जा रहा है।
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— Kavish Aziz (@azizkavish) February 19, 2025
12 से 18 फरवरी के बीच ‘ओपन बाथिंग’ कीवर्ड की सर्च में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई। यह आंकड़ा बताता है कि कितनी बड़ी संख्या में लोग इस अनैतिक गतिविधि में शामिल हैं।
Kumbh Mela 2025 वीडियो का दुरुपयोग-
इस घृणित खेल में सिर्फ स्नान के दृश्य ही नहीं, बल्कि अस्पतालों और क्लीनिकों के सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं। डॉक्टरों द्वारा महिला मरीजों की जांच के दौरान की गई रिकॉर्डिंग को भी इन चैनल्स पर बेचा जा रहा है। यह स्थिति चिकित्सा क्षेत्र की गोपनीयता के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
पुराने वीडियो का दुष्प्रचार-
जांच में यह भी सामने आया है कि कई वायरल वीडियो पुराने हैं और वर्तमान कुंभ मेले से कोई संबंध नहीं रखते। लेकिन इन्हें भी कुंभ 2025 का बताकर प्रसारित किया जा रहा है, जो एक और चिंताजनक पहलू है।
कानूनी पहलू और सुरक्षा की आवश्यकता-
यह मामला न केवल साइबर क्राइम का है, बल्कि महिलाओं की गरिमा और निजता के अधिकार का भी है। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि डिजिटल युग में महिला सुरक्षा के लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह कुंभ मेले में विशेष निगरानी टीम तैनात करे और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
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श्रद्धालुओं की सुरक्षा-
यह समय की मांग है कि तकनीकी विकास के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों और नैतिकता को भी बनाए रखा जाए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी निजता की रक्षा करना प्रशासन का प्राथमिक कर्तव्य है। साथ ही, जनता को भी ऐसी घटनाओं के प्रति सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देनी होगी।
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