Jaffar Express Hijack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में दशकों से चल रहा संघर्ष एक बार फिर चर्चा में है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की ट्रेन जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया है, जिसमें कई यात्रियों को बंधक बना लिया गया है।
Jaffar Express Hijack जाफर एक्सप्रेस हाईजैक-
11 मार्च को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान की जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। यह ट्रेन करीब 450 यात्रियों को लेकर क्वेटा से पेशावर जा रही थी। ट्रेन के 9 कोच थे और जब यह पहरो कुनरी और गदालार के बीच एक टनल से गुजर रही थी, तभी BLA के कार्यकर्ताओं ने इसे अपने कब्जे में ले लिया।
BLA ने दावा किया है कि उन्होंने 120 यात्रियों को बंधक बना लिया है। इन बंधकों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेररिज्म फोर्स (ATF) और पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट्स भी शामिल हैं।
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— Srivastava Varun (@varunksrivastav) March 11, 2025
इस हमले में अब तक पाकिस्तान के 11 सैनिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। यह घटना पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है।
Jaffar Express Hijack कौन हैं बलोच लोग?
बलोच एक खानाबदोश और देहाती जातीय समूह है, जो बलूची भाषा बोलता है और दक्षिण-पश्चिम एशिया के बलूचिस्तान क्षेत्र का मूल निवासी है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 26 जिले हैं, जहां ज्यादातर बलोच लोग रहते हैं।
बलूचिस्तान क्षेत्र सिर्फ पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में भी फैला हुआ है। हालांकि, सबसे अधिक बलोच आबादी पाकिस्तान में रहती है।
Jaffar Express Hijack विद्रोह की जड़ें, 1947 का इतिहास-
1947 में जब भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान अस्तित्व में आया, तब बलोच लोग पाकिस्तान के साथ जाना नहीं चाहते थे। वे अपने लिए एक स्वतंत्र देश की मांग कर रहे थे। लेकिन, उनकी इच्छा के विपरीत, बलूचिस्तान को पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया।
इस अनिच्छित विलय के बाद से ही बलोच लोगों और पाकिस्तानी सरकार के बीच तनाव बना हुआ है। तब से लेकर अब तक पाकिस्तानी सेना और बलूचिस्तान के लोगों के बीच संघर्ष जारी है।
Jaffar Express Hijack बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का गठन-
बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराने के उद्देश्य से 1970 के दशक में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का गठन किया गया। इस संगठन की स्थापना बलूच नेता मीर हबत खान मारी और उनके बेटे नवाब खैर बख्श मारी ने की थी।
पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि BLA अलग देश की मांग को लेकर अक्सर सेना पर हमले करता है और विद्रोह की कार्रवाइयां चलाता है। इसके जवाब में, पाकिस्तान सरकार ने बलोच आंदोलन को दबाने के लिए कई बार बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए हैं।
Jaffar Express Hijack बलोच लोगों की शिकायतें-
बलूच लोगों की पाकिस्तान सरकार से कई शिकायतें हैं, जिनके कारण वे विद्रोह पर उतारू हैं:
सांस्कृतिक पहचान का संकट-
बलोच लोगों को लगता है कि पाकिस्तान के साथ रहने से उनकी अपनी संस्कृति, भाषा और पहचान खतरे में है। वे मानते हैं कि पाकिस्तानी राज्य बलोच संस्कृति को दबाने की कोशिश कर रहा है।
प्राकृतिक संसाधनों का शोषण-
बलूचिस्तान प्राकृतिक खनिज संपदा से भरपूर है। इस क्षेत्र में प्राकृतिक गैस, तांबा, सोना और कई अन्य मूल्यवान खनिज पाए जाते हैं। बलोच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान इन संसाधनों का दोहन तो करता है, लेकिन उसका लाभ स्थानीय बलोच आबादी को नहीं मिलता।
विकास की कमी-
बलूचिस्तान में बुनियादी ढांचे और विकास की रफ्तार बेहद धीमी है। यहां के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। यह क्षेत्र पाकिस्तान के सबसे कम विकसित इलाकों में से एक है।
मानवाधिकार उल्लंघन-
बलोच कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना बलोच लोगों पर अत्याचार करती है। जबरन गायब किए गए लोगों (enforced disappearances) की समस्या बलूचिस्तान में बहुत गंभीर है। हजारों बलोच लोग बिना किसी जानकारी के गायब हो गए हैं, जिन्हें सेना द्वारा उठाया गया माना जाता है।
Jaffar Express Hijack आंदोलन की प्रमुख आवाज-
वर्तमान में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ चल रहे बलोच आंदोलन में सबसे अहम भूमिका 32 वर्षीय महरंग बलूच निभा रही हैं। 2017 में महरंग के भाई का अपहरण किया गया था, जिसके बाद वे इस आंदोलन में सक्रिय हुईं। महरंग बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर लगातार आवाज उठाती रही हैं। वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बलोच लोगों की दुर्दशा को उजागर करती हैं।
बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन के उद्देश्य-
बलूच राष्ट्रवादी आंदोलन का मुख्य उद्देश्य बलोच लोगों के सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करना है। इसका अंतिम लक्ष्य राजनीतिक आजादी प्राप्त करना और बलूचिस्तान को एक अलग देश के रूप में स्थापित करना है। कहा जाता है कि यह आंदोलन मूल रूप से मार्क्सवादी-लेनिनवादी मुक्ति आंदोलनों से प्रेरित है, जो उपनिवेशवाद विरोधी और स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित है।
आर्थिक असमानता-
बलोच लोगों का तर्क है कि वे पाकिस्तान के बाकी हिस्सों की तुलना में आर्थिक रूप से हाशिए पर और गरीब हैं। बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद, यहां गरीबी और बेरोजगारी की दर बहुत अधिक है।बलूचिस्तान के लोगों का मानना है कि उनके प्राकृतिक संसाधनों से होने वाले लाभ का अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान के अन्य प्रांतों, विशेष रूप से पंजाब प्रांत के विकास में खर्च किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया-
बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तान में बलोच लोगों के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है।हालांकि, अधिकांश देश इसे पाकिस्तान का आंतरिक मामला मानते हैं और इस विषय पर सीधे हस्तक्षेप से बचते हैं।
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चुनौतियां-
जाफर एक्सप्रेस का हाईजैक बलूचिस्तान में चल रहे संघर्ष का एक नया अध्याय है। इस घटना ने एक बार फिर इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या वह बलोच लोगों की शिकायतों का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है।
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