भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो न सिर्फ खूबसूरती के लिए मशहूर हैं, बल्कि उनके पीछे छिपी डरावनी कहानियों के लिए भी जानी जाती हैं। ऐसी ही एक जगह है लंभी देहर खदान, जो उत्तराखंड के मशहूर हिल स्टेशन मसूरी के पास स्थित है। यह जगह जितनी शांत और सुनसान दिखती है, उतनी ही डरावनी और रहस्यमयी भी है।
इतिहास की परतों में छुपी त्रासदी
लंभी देहर खदान 19वीं सदी में एक प्रमुख चूना पत्थर की खदान थी। कहा जाता है कि यहाँ एक समय पर 50,000 से अधिक मजदूर काम किया करते थे। लेकिन सुरक्षा नियमों की अनदेखी और जहरीली गैसों की वजह से एक दिन ऐसा आया जब खदान में काम कर रहे हजारों मजदूरों की अचानक मौत हो गई।
इसके बाद से इस खदान को बंद कर दिया गया और यह एक सुनसान, वीरान जगह में बदल गई। यहीं से शुरू होती है इसकी भूतिया कहानी।
डरावनी घटनाएं और अजीबो-गरीब किस्से
स्थानीय लोग और पर्यटक बताते हैं कि उन्होंने यहां रात के समय औरत की चीखें, अजीब सी आवाजें, और अदृश्य परछाइयों को महसूस किया है।
एक आम किंवदंती के अनुसार, एक औरत जिसकी मौत इसी खदान में हुई थी, उसकी आत्मा आज भी वहां भटकती है।
छुपे हुए तथ्य (Hidden Facts):
- रहस्यमयी दुर्घटनाएं – आसपास से गुजरने वाले कई वाहन रहस्यमयी तरीके से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
- सैनिकों की रिपोर्ट – कुछ पुराने स्थानीय सुरक्षा दस्तावेजों में इस क्षेत्र को “अत्यंत संवेदनशील” कहा गया है, जिसमें असामान्य गतिविधियों का ज़िक्र मिलता है।
- मोबाइल सिग्नल गायब होना – लंभी देहर की सीमा में पहुंचते ही कई बार मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह गायब हो जाता है, मानो कोई अदृश्य शक्ति वहां नियंत्रण कर रही हो।
- खगोल वैज्ञानिकों की रुचि – कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में भू-चुंबकीय गतिविधियां सामान्य से काफी अलग हैं, जिससे वहां “अनजानी ऊर्जा” महसूस होती है।
आज की स्थिति
आज लंभी देहर खदान एक हॉन्टेड टूरिज्म स्पॉट बन चुकी है। कई यूट्यूबर्स, पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स और ट्रैवलर्स यहां वीडियो शूट करने आते हैं। हालांकि, रात में इस जगह पर जाना अभी भी मना है और स्थानीय लोग इसे अशुभ मानते हैं।