दिग्गज अभिनेता कमल हासन इन दिनों अपनी नई फिल्म ‘Thug Life’ से ज्यादा अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। पहले उन्होंने एक बयान में कहा कि “कन्नड़ भाषा की उत्पत्ति तमिल से हुई है”, जिससे कन्नड़ समुदाय नाराज़ हो गया। इसके बाद कर्नाटक में उनकी फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज पर रोक लगा दी गई।
कन्नड़ पर बयान से शुरू हुआ विवाद
कमल हासन के इस बयान के बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स (KFCC) ने स्पष्ट किया कि जब तक वे माफी नहीं मांगते, तब तक ‘Thug Life’ को कर्नाटक में रिलीज नहीं होने देंगे।
हासन ने माफी मांगने से इनकार कर दिया और इसके बाद उनके प्रोडक्शन हाउस राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की मांग की। हालांकि कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि फिल्म की रिलीज तब तक नहीं होगी जब तक वे माफी नहीं मांगते।
अब हिंदी पर भी दिया विवादित बयान
PTI से बातचीत में कमल हासन ने हिंदी थोपे जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपनी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ (1981) का उदाहरण देते हुए कहा: “हम हिंदी को बिना थोपे सीखेंगे क्योंकि यह शिक्षा का हिस्सा है। लेकिन इसे जबरन थोपा नहीं जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा: “अगर आप ग्लोबल सफलता चाहते हैं तो आपको अंग्रेज़ी सीखनी चाहिए, न कि हिंदी जबरन थोपनी चाहिए।”
हासन ने स्पष्ट किया कि वे तमिलनाडु, पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ खड़े हैं, जो हिंदी को थोपने का विरोध कर रहे हैं।
भाषा और पहचान पर सवाल
कमल हासन का कहना है कि: “जब आप लोगों को अचानक हिंदी में बात करने के लिए मजबूर करते हैं और कहते हैं कि विंध्य के आगे नौकरी नहीं मिलेगी, तब सवाल उठता है कि मेरी भाषा का क्या? क्या मैं 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक नहीं हूं?”