उत्तराखंड की हसीन वादियों में बसा लोहारघाट, एक शांत और सुरम्य हिल स्टेशन है, लेकिन यहां की एक जगह ऐसी भी है जो आज भी रहस्यमयी डर का पर्याय मानी जाती है। यह जगह है – एबट माउंट अस्पताल, जिसे लोग “भूतिया अस्पताल” कहकर पुकारते हैं।
यहां की कहानी केवल एक डरावना किस्सा नहीं, बल्कि लोकल मान्यताओं और रहस्यमयी घटनाओं पर आधारित एक वास्तविक अनुभव है।
कौन थे डॉक्टर मॉरिस?
इस कहानी की शुरुआत होती है ब्रिटिश काल से, जब एबट माउंट क्षेत्र को अंग्रेजों ने अपने ग्रीष्मकालीन निवास के रूप में विकसित किया था। यहां एक अस्पताल बनाया गया, जिसे चलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई डॉक्टर मॉरिस नामक एक अंग्रेज चिकित्सक को।
स्थानीय लोगों के अनुसार, डॉक्टर मॉरिस का व्यवहार सामान्य नहीं था। कहा जाता है कि वह मानसिक रूप से असंतुलित था और मरीजों पर अवैध और खतरनाक प्रयोग किया करता था। कई मरीज इलाज के नाम पर अस्पताल में भर्ती तो हुए, लेकिन वापस कभी लौटे नहीं। उनका क्या हुआ, यह एक रहस्य ही बनकर रह गया।
अस्पताल की डरावनी कहानियां
स्थानीय निवासियों का दावा है कि आज भी, जब सूरज ढलता है, तो अस्पताल के आसपास के इलाके में अजीब सी आवाजें, सर्जिकल औजारों की खटकन, और किसी के चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं।
कुछ लोगों ने तो यहां एक सफेद कोट पहने व्यक्ति की परछाई देखने का भी दावा किया है, जिसे वे डॉक्टर मॉरिस की आत्मा मानते हैं।
कोई नहीं जाता रात के समय
अंधेरा होते ही यह इलाका वीरान हो जाता है। न स्थानीय लोग, न ही पर्यटक इस जगह की ओर रुख करते हैं। पुलिस और प्रशासन की ओर से यहां रात को प्रवेश निषेध कर दिया गया है, हालांकि कोई आधिकारिक तौर पर इसे “भूतिया” नहीं मानता।
सच या कल्पना?
हालांकि विज्ञान के नजरिए से ऐसी घटनाओं का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन स्थानीय संस्कृति और जनश्रुतियों में यह कहानी गहराई से रची-बसी है। यह जगह उन लोगों के लिए बेहद रोमांचक बन गई है जो पैरानॉर्मल एक्टिविटीज और हॉरर टूरिज्म में दिलचस्पी रखते हैं।