अगर आप भी ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं और आपके साथ कभी फ्रॉड हुआ है या भविष्य में फ्रॉड होने का डर लगा रहता है तो अब आपको घबराने की कोई जरुरत नहीं है। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने इसके लिए कुछ नई गाइडलाइन दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइड लाइन के मुताबिक अगर किसी ग्राहक के साथ कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड होता है तो उसके नुकसान के भुगतान की पूरी राशि वापस दी जाएगी।
न्यूज़ चैनल न्यूज़18 के अनुसार, नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इसी तरह अगर थर्ड पार्टी एजेंसी की गलती से ग्राहक को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो भी ग्राहक को नुकसान की पूरी राशि दी जाएगी।
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अगर आप भी ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं और आपके साथ कभी फ्रॉड हुआ है या भविष्य में फ्रॉड होने का डर लगा रहता है तो अब आपको घबराने की कोई जरुरत नहीं है। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने इसके लिए कुछ नई गाइडलाइन दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइड लाइन के मुताबिक अगर किसी ग्राहक के साथ कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड होता है तो उसके नुकसान के भुगतान की पूरी राशि वापस दी जाएगी।न्यूज़ चैनल न्यूज़18 के अनुसार, नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इसी तरह अगर थर्ड पार्टी एजेंसी की गलती से ग्राहक को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो भी ग्राहक को नुकसान की पूरी राशि दी जाएगी।खबरों के अनुसार, फ्रॉड की जानकारी मिलने के ग्राहक को तीन दिनों के अंदर इसकी शिकायत ई-वॉलेट कंपनी से करनी होगी। तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर ग्राहक को पूरी भरपाई की जाएगी। अगर शिकायत 4 से सात दिन के अंदर की जाती है तो नुकसान की असली रकम या फिर अधिकतम दस हजार रुपये में से जो भी कम होगा वही दिया जाएगा। अगर 7 दिन के बाद ग्राहक शिकायत दर्ज़ कराता है तो ई-वॉलेट कंपनी की इस मामले पर जो पॉलिसी होगी उसी के हिसाब से भरपाई की जाएगी।साथ ही, आरबीआई ने ये भी साफ़ किया है कि यदि ग्राहक की गलती से गलत सौदा किया जाता है तो इसके लिए थर्ड पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राहक की होगी। हालांकि ग्राहक की लापरवाही के कारण फ्रॉड हुआ है इसके बारे में ई-वॉलेट कंपनी को साबित करना होगा। रिजर्व बैंक ने ये भी प्रावधान किया है कि अगर कोई ई-वॉलेट कंपनी चाहे तो ग्राहक की गलती होने के बावजूद भी उसे भरपाई कर सकती है।
खबरों के अनुसार, फ्रॉड की जानकारी मिलने के ग्राहक को तीन दिनों के अंदर इसकी शिकायत ई-वॉलेट कंपनी से करनी होगी। तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर ग्राहक को पूरी भरपाई की जाएगी। अगर शिकायत 4 से सात दिन के अंदर की जाती है तो नुकसान की असली रकम या फिर अधिकतम दस हजार रुपये में से जो भी कम होगा वही दिया जाएगा। अगर 7 दिन के बाद ग्राहक शिकायत दर्ज़ कराता है तो ई-वॉलेट कंपनी की इस मामले पर जो पॉलिसी होगी उसी के हिसाब से भरपाई की जाएगी।
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