Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद SBI ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी और सार्वजनिक की। जिसके मुताबिक यह दावा किया गया है कि पाकिस्तानी हब पावर कंपनी से भी चंदा लिया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि कंपनी पाकिस्तान की सबसे बड़ी बिजली बनाने वाली कंपनी है। दिलचस्प बात यह है कि यह चंदा पुलवामा घटना के आसपास मिला है, जो कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। इस कंपनी के द्वारा भारतीय जनता पार्टी को चंदा जनता दिया गया है और यह चंदा भी पुलवामा की घटना के समय का है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि पुलवामा की जांच में कोई गड़बड़ी हो सकती है। पुलवामा हमले के कुछ हफ्तों बाद जब देश 40 वीर जवानों की मौत का शोक मना रहा था, तब कोई पाकिस्तान से मिलने वाली फंडिंग का मजा ले रहा था।
Pakistani Company has also bought #ElectoralBonds
These bonds issued to Hub Power Company during Pulwama attack happened where our soldiers were died.
Is it just coincidence??#ElectoralBondsCase pic.twitter.com/SGrygIUwu8
— Dr Gaurav Kumar (@ImJordanGaurav1) March 14, 2024
उचित जांच क्यों नहीं की गई-
अब आप जानते हैं कि पुलवामा हमले में कभी उचित जांच क्यों नहीं की गई और कोई भी दोषी अब तक पकड़ क्यों नहीं गया। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इसे 12 मार्च को इलेक्ट 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी अपलोड करने के निर्देश दिए थे। हालांकि चुनाव आयोग ने आखिर तारिख इसे एक दिन पहले ही उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया। चुनाव आयोग ने इसे दो भागों में दिया है।
इलेक्ट्रॉलर बॉन्ड खरीदने वालों में-
जिसमें इलेक्ट्रॉलर बॉन्ड खरीदने वालों में ग्राफिक इंडस्ट्री, मेघा इंजीनियरिंग, पिरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, पीवीआर आदि नाम शामिल हैं। इन बॉन्ड को खरीदने वाली पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना, वाईएसआर, डीएमके, जेडीएस, टीएमसी, एनडीए, आरजेडी, जेडीयू, आप और समाजवादी पार्टी शामिल है।
तारीख पर एतराज जताया-
पहली लिस्ट में 337 नाम है, जबकि दूसरी में 426, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेरवी करने वाले वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पेश किए गए डाटा की तारीख पर अपना एतराज जताया है षउन्होंने कहा कि पूरा डाटा सीरियल से नहीं है, जबकि कोर्ट के आदेश में उसको सुनिश्चित करने की बात कही गई थी।
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6060.50 करोड़ रुपए बीजेपी को-
रिपोर्ट के मुताबिक, 6060.50 करोड़ रुपए बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से दिए गए। यह राशि उसे अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच में मिली है। इस तरह से बॉन्ड से आने वाले राजनीतिक दलों की कुल राशि का 47.5 फ़ीसदी हिस्सा है। जो बीजेपी को मिली है। दूसरे नंबर पर टीएमसी है जिसे 16.09 करोड रुपए मिले हैं, जो कुल राशि का 12.6 फीसदी है, तीसरे नंबर पर कांग्रेस है जिसे 1421. 9 करोड रुपए हासिल हुए हैं। यह कुल राशि का 11.1 फीसदी है।
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