ATM Card Free Insurance: आज के समय में ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड, एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, जेब में कैश रखने की जगह लोग एटीएम कार्ड रखना पसंद करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक से जैसे ही आपको एटीएम कार्ड जारी होता है, वैसे ही कार्ड होल्डर को एक्सीडेंटल इंश्योरेंस और मौत का इंश्योरेंस मिल जाता है। पूरे देश में ज्यादातर लोग इस बात को नहीं जानते कि उन्हें डेबिट या एटीएम कार्ड पर भी जीवन बीमा कवर मिलता है। इंश्योरेंस की राशि आपके कार्ड पर निर्भर करती है। कुछ डेबिट कार्ड 3 करोड़ रुपए तक की फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस देते हैं।
इंश्योरेंस कवरेज फ्री में-
यह इंश्योरेंस कवरेज फ्री में दिया जाता है और इसमें डेबिट कार्ड धारक से ना तो कोई प्रीमियम लिया जाता है और ना ही बैंकों द्वारा कोई एडिशनल डाक्यूमेंट्स मांगे जाते हैं। डेबिट कार्ड पर फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस के लिए कुछ नियम और शर्तें होती हैं। जिसमें सबसे जरूरी बात यह है कि कार्ड धारक को निश्चित अवधि के अंदर ही उस डेबिट कार्ड के जरिए कुछ ट्रांजैक्शन करने होते हैं। यह भी अलग-अलग कार्ड के माध्यम से अलग-अलग हो सकती है। कुछ एटीएम कार्ड पर इंश्योरेंस पॉलिसी एक्टिव करने के लिए कार्ड होल्डर को 30 दिन में कम से कम एक ट्रांजैक्शन करना होता है। कुछ कार्ड धारकों को इंश्योरेंस कवरेज एक्टिव करने के लिए पिछले 90 दिनों के अंदर एक ट्रांजैक्शन करना होता है।
कौन होता है पात्र-
किसी भी बैंक से एटीएम कार्ड का अगर 45 दिनों से ज्यादा तक इस्तेमाल किया जा चुका है, तो आप फ्री इंश्योरेंस सुविधा के पात्र होते हैं। इसमें दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा दोनों ही शामिल है। आप इन दोनों ही स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं, कार्ड की कैटेगरी के मुताबिक, रकम तय की जाती है। एसबीआई अपने गोल्ड एटीएम कार्ड होल्डर को 4 लाख रुपए और 2 लाख रुपए का कवर देती है। वहीं प्रीमियम कार्ड होल्डर को 10 लाख से 15 लाख का कवर मिलता है। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा समेत तमाम बैंक अपने डेबिट कार्ड पर अलग-अलग राशि का कवर प्रदान करते हैं।
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कैसे कर सकते हैं इंश्योरेंस क्लेम-
अगर आप भी अपने बैंक के डेबिट कार्ड में इंश्योरेंस क्लेम करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको नॉमिनी की जानकारी ऐड करनी होगी, अस्पताल के इलाज खर्च का एक प्रमाण पत्र, पुलिस वेरिफाई की एक कॉपी के साथ इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है। इसके अलावा अगर अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में नॉमिनी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं, आप क्लेम ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। बैंक इसकी सुविधा अपने ग्राहकों को देते हैं।
आप अपने ग्राहक बैंक के ब्रांच में जाकर क्लेम फॉर्म भर सकते हैं, इस फॉर्म को भरकर दस्तावेज लगाकर जमा करना होगा, फिर प्लान प्रक्रिया शुरू होती है। दुर्घटना होने के 7 दिन के अंदर क्लेम फाइनल करना सही होता है। एक बार क्लेम की सूचना दिए जाने के बाद से ही बीमा कंपनी मामले की जांच के लिए 3 दिन के अंदर एक जांच अधिकार नियुक्त करती है और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार किया जाता है। पेपर वेरिफिकेशन के बाद से ही दवा राशि 10 दिनों के अंदर एनईएफटी के माध्यम से खाते में जमा कर दी जाती है।
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