Haryana Assembly Election: इस समय आम आदमी पार्टी के नेताओं समेत कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। बारिश के बावजूद भी तिहाड़ जेल से भारी भीड़ ढोल की थाप, डांस और नारेबाजी के साथ आप कार्यकर्ताओं, नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का शुक्रवार शाम को जेल से निकलने पर स्वागत किया। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अगले महीने 5 तारीख को होने वाले मतदान से पहले अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना, आम आदमी पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। अब अरविंद केजरीवाल का पूरा फोकस हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव पर होगा। लेकिन चुनाव से ठीक पहले ही केजरीवाल का बाहर आना अन्य दलों के लिए मुश्किल बढ़ा सकता है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव-
वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उनकी सहमति नहीं बन पाई और दोनों पार्टियों अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस वजह से आम आदमी पार्टी चुनाव में बीजेपी के साथ कांग्रेस के लिए भी बड़ी चुनौती हो गई है। लेकिन अगर दिल्ली में रिकॉर्ड को देखें, तो कांग्रेस को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। दरअसल इस साल के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन था। लेकिन दिल्ली और पंजाब में दोनों ही पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। दिल्ली में इसका सीधा नुकसान कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी को भी हुआ और बीजेपी ने सभी 7 सीटों पर कब्जा कर लिया।
APP कांग्रेस के लिए जरूरी क्यों-
वहीं पंजाब में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। लेकिन कांग्रेस को पिछले चुनाव के मुकाबले एक सीट का नुकसान हुआ, तो चलिए जानते हैं कि हरियाणा के चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए जरूरी क्यों थी। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में कांग्रेस और आप ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने 9 और आम आदमी पार्टी ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारा था। नतीजे आने के बाद भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले 5 सीटों का नुकसान हुआ और पार्टी सिर्फ पांच ही सीट जीत पाई। वहीं पिछले चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था और गठबंधन के बाद पार्टी ने 5 सीटों पर कब्जा कर लिया।
हार का सामना-
हालांकि चुनावी मैदान में कुरुक्षेत्र से आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी की अभी दिल्ली के अलावा पंजाब में सरकार है और अब पार्टी की नज़र हरियाणा पर पड़ चुकी है। आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन इस बार पार्टी ने पूरी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कुरुक्षेत्र सहित पंजाब और दिल्ली से सटे जिलों में आम आदमी पार्टी का प्रभाव हो सकता है। आम आदमी पार्टी के इस फैसले से बीजेपी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी वोट बट जाएंगे, जो कांग्रेस के साथ आपके लिए भी नुकसानदायक है।
हरियाणा में वोट शेयर-
आम आदमी पार्टी का पिछले 5 सालों में हरियाणा में वोट शेयर बढ़ा है और यही ट्रेंड आने वाले विधानसभा चुनाव में भी रहता है, तो कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही नुकसान हो सकता है। आम आदमी पार्टी ने साल 2019 में विधानसभा चुनाव में 46 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं तब उसे सिर्फ 0.5 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में इजाफा देखा गया था।
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एक ही चरण में मतदान-
आपकी जानकारी के लिए बता दें की हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा और 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। सभी सीटों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित होंगे और इससे पहले हरियाणा में 1 अक्टूबर को मतदान होना था और 4 अक्टूबर को गिनती होनी थी। लेकिन बिश्नोई समाज के त्यौहार की वजह से बीजेपी ने चुनाव आयोग से तारीख को बढ़ाने की अपील की, जिसे चुनाव आयोग ने स्वीकार किया और मतदान की तारीख को आगे बढ़कर 5 तारीख कर दिया।
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