Increasing Cases of Dengue: इस समय पूरी दुनिया में डेंग्यू मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में इस बिमारी ने तेज़ी से अपने पैर पसारे हैं। यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के आंकड़ों की मानें, तो साल 2024 की शुरुआत से अब तक 86 देश में कुल 12 मिलियन से भी ज्यादा डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं और इन डेंगू के मामलों में 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन देशों में इस साल में सबसे ज्यादा मामले ब्राजील से सामने आए हैं। जिसमें संक्रमित लोगों की संख्या 9 मिलियन से भी ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक इसके बाद पेरू, पैराग्वे कोलंबिया और अर्जेंटीना का स्थान आता है।
कैसे फैलता है डेंगू-
डेंगू एक वायरस संक्रमण होता है, जो की मच्छरों के जरिए फैलता है। यह ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में आम है। हालांकि डेंगू के अनेक संक्रमण लक्षण होते हैं। इसमें न सिर्फ हल्का बुखार होता है, बल्कि यह कभी-कभी ज्यादा गंभीर मामले यहां तक की मृत्यु का भी कारण बन जाते हैं। डेंगू की रोकथाम कंट्रोल वेक्टर पर निर्भर करता है और गंभीर डेंगू के लिए कोई भी विशिष्ट उपचार नहीं है। इसकी शुरुआती पहचान और उच्च चिकित्सा देखभाल पर से इसे ठीक किया जा सकता है।

डेंगू के बढ़ते मामले-
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के मुताबिक, भारत में 30 अप्रैल 2024 तक डेंगू के 19,447 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें से 16 लोगों की मौत हो गई। वहीं सबसे ज्यादा डेंगू के मामले साल 2023 की रिपोर्ट में सामने आए थे। जब अमेरिका में 4.5 मिलियन मामले में दर्ज किए गए थे। जिसमें से 300 लोगों की मौत हो गई थी। एशिया में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। जहां बांग्लादेश में 32000, मलेशिया में 111,400, थाईलैंड में 150,000 और वियतनाम में 369000 मामले सामने आए।
डेंगू से पीड़ित-
लक्षणों की बात करें, तो डेंगू से पीड़ित ज्यादातर लोगों को हल्का बुखार या कोई लक्षण नहीं होते हैं। वह एक से दो हफ्ते में ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन कभी-कभी डेंगू जब गंभीर हो जाता है, तो यह मौत का भी कारण बन जाता है। अगर लक्षण समय रहते दिखाई देते हैं, तो वह आमतौर पर संक्रमण के चार से 10 दिन के बाद शुरू होते हैं। वह 2 से 7 दिन तक चलते हैं, लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, गंभीर सिर दर्द, मांसपेशियों जोड़ों में दर्द, सूजन और उल्टी शामिल हैं।
गंभीर रूप से ज्यादा खतरे में कौन?
इसके साथ ही जिन लोगों को दूसरी बार डेंगू होता है, वह गंभीर रूप से ज्यादा खतरे में होते हैं। जब डेंगू ज्यादा बढ़ जाता है, तो उसमें पेट में तेज दर्द होने लगता है, लगातार उल्टी आती है, सांसें तेज़ चलने लगती हैं, थकान महसूस होती है, मसूड़े या नाक से खून बहने लगता है। इसके साथ ही उल्टी,मल में खून आना ,पीली और ठंडी त्वचा, कमजोरी महसूस होना, बहुत प्यास लगना, बेचैनी होना आदि शामिल है।

अलग से इलाज नहीं-
वहीं उपचार की बात की जाए, तो डेंगू के लिए कोई अलग से इलाज नहीं है। डेंगू बुखार के ज्यादातर मामलों का इलाज घर पर ही दर्द निवारक दवा पेरासिटामोल के जरिए किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, दर्द को कंट्रोल करने के लिए एसिटामिनोफेन का इस्तेमाल किया जाता है। इब्रोप्रोफेन और ऐस्पिरिन जैसी गैर स्टेरॉयडल एंटी इन्फ्लेमेटरी दवा से बचना चाहिए। क्योंकि वह रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकती है
एडीज एल्बोपिक्टस-
डेंगू वायरस संक्रमित मादा मच्छरों मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज एजिप्टी के अंदर अन्य प्रजातियां वेक्टर के रूप में काम करती है। लेकिन उनका योगदान आम तौर पर एडीज एजिप्टी के बाद दूसरे नंबर पर आता है। साल 2023 में यूरोप में एडीज एल्बोपिक्टस द्वारा डेंगू के स्थानीय संचरण (Local Transmission) में एक महत्वपूर्ण उछाल देखा गया है। इस साल यूरोपीय देशों में डेंगू के मामलों में वृद्धि ने चिंता बढ़ा दी है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसका विश्लेषण करने के लिए तत्परता दिखाई है।
डेंगू का संचरण और संक्रमण–
डेंगू वायरस मानवों से मच्छरों में संक्रमित हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति में लक्षणात्मक डेंगू संक्रमण, पूर्व-लक्षणात्मक संक्रमण या लक्षणहीन संक्रमण हो सकता है। संक्रमण का जोखिम तब होता है, जब व्यक्ति बुखार के दो दिन पहले से लेकर बुखार ठीक होने के दो दिन बाद तक डेंगू वायरस से संक्रमित हो। वायरीमिया की उच्च स्थिति और उच्च बुखार मच्छर संक्रमण के उच्च जोखिम से जुड़े हैं। हालांकि DENV-विशिष्ट एंटीबॉडी के उच्च स्तर मच्छर संक्रमण के कम जोखिम से जुड़े हैं। ज्यादातर लोग लगभग 4-5 दिनों के लिए वायरीमिया से पीड़ित रहते हैं, लेकिन यह स्थिति 12 दिनों तक भी रह सकती है।
मातृ संचरण और अन्य संक्रमण के तरीके–
डेंगू वायरस का मुख्य संचरण मार्ग मच्छर होते हैं, लेकिन मातृ संचरण की संभावना भी है। गर्भवती महिलाओं को डेंगू संक्रमण होने पर बच्चे को समय से पहले जन्म, कम वजन, और भ्रूण संकट का सामना करना पड़ सकता है। रक्त उत्पादों, अंग दान, और आधान के माध्यम से संक्रमण के दुर्लभ मामले भी सामने आए हैं, साथ ही मच्छरों के भीतर वायरस का ट्रांसओवेरियल संचरण भी रिपोर्ट किया गया है।

रोकथाम के उपाय–
डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में सक्रिय होते हैं। मच्छरों से बचाव के लिए शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। मच्छरों के अंडे देने वाले आवासों तक पहुंच को रोकने के लिए पर्यावरण प्रबंधन और संशोधन करें। पानी को कहीं भी जमा ना होने दें। घर में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को अच्छे से ढ़ककर रखें। पानी रखने वाले कंटेनरों को हर सप्ताह खाली करें और साफ करें, क्योंकि ताजे पानी में मच्छरों के पनपने नहीं हैं। डेंगू के लक्षण दिखने पर आराम करें और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
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वैश्विक स्थिति–
हाल ही में डेंगू के वैश्विक मामलों में वृद्धि देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 2000 में डेंगू के मामलों की संख्या 505,430 से बढ़कर 2019 में 5.2 मिलियन हो गई है। 2023 में डेंगू के मामलों में उछाल आया है, जिसमें 6.5 मिलियन से अधिक मामले सामने आए हैं और 7,300 से ज्यादा मौतें हुई हैं। डेंगू महामारी के फैलने के जोखिम में कई कारक योगदान दे रहे हैं, जिसमें मच्छरों का बदलता वितरण, एल नीनो घटना, और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों और उच्च जनसंख्या आंदोलनों ने स्थिति को और बिगाड़ा है। डेंगू अब दक्षिण पूर्व एशिया, अफ्रीका, अमेरिका, पूर्वी भूमध्य सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के 100 से अधिक देशों में स्थानिय है। खासतौर पर अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में डेंगू के मामले सबसे गंभीर हैं, जबकि यूरोप, पूर्वी भूमध्य सागर, और दक्षिण अमेरिका के नए क्षेत्रों में भी इसका प्रसार हो रहा है।
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