India Alliance: अब सिर्फ एक महीने का वक्त महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर वोटिंग के लिए बचा है और महायुति गठबंधन सीट शेयरिंग को लेकर फ्रंट मोड पर नजर आ रही है। वहीं भाजपा ने रविवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है। वहीं दूसरी और महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस गठबंधन में सीट शेयरिंग में खटपट की खबरें सामने आ रही हैं। इसके चलते अभी तक यह तय नहीं हो पाया, कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में कौन कितनी सीटों और कहां से चुनाव लड़ने वाला है। इस कंफ्यूजन की वजह से महायुति के मुकाबले विपक्षी गठबंधन कम से कम सीट शेयरिंग के मुद्दे पर तो बैकफुट पर ही नजर आ रहा है, जो कि विपक्ष के लिए टेंशन की बात है।
शरद पवार से मुलाकात-
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की मानें, तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी में गतिरोध के बीच सहयोगी कांग्रेस और शिवसेना ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और विचार विमर्श किया। सूत्रों की मानें तो आम सहमति बनने के बाद एक या दो दिन में सीट शेयरिंग पर मुहर लगने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, शरद पवार मुंबई के हवाई चौहान सेंटर में रुके, जहां पर कांग्रेस के नेता नसीम खान, शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे, संजय राउत, एनसीपी के अनिल देशमुख ने उनसे मुलाकात की। जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसने की चर्चा सामने आ रही है।
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक-
पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली में हैं। वहीं उन्होंने कहा, कि वह सहयोगियों के साथ बातचीत 10 से 12 सीटों के आसपास केंद्रित है। जिससे यह तय हो सके, कि कौन-कौन सी पार्टी बेहतर उम्मीदवार दे सकती है। ऐसा कहा जा रहा है, कि मुख्य टकराव कांग्रेस और शिवसेना के बीच में है। वहीं कांग्रेस नेता नसीम खान ने पीटीआई को बताया, कि बाकी 10 सीटों पर आम सहमति बनाने के लिए चर्चा हो रही है।
वंशवाद की राजनीति-
उन्होंने कहा, कि शरद पवार एमवीए के संस्थापक के तौर पर मौजूद हैं। इसलिए हमने आज उनसे मुलाकात की है और बातचीत भी की। इस सबके बीच पूर्व एमएलसी और जेडीयू नेता कपिल पाटिल दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए। बीजेपी ने 99 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट को जारी कर दिया। वहीं राकंपा के प्रवक्ता ने दावा किया है, कि भगवा पार्टी ने वंशवादियों को मैदान में उतारा है। उन्होंने कहा, कि जिन लोगों को लगता है, कि भाजपा वंशवाद की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। वह इस लिस्ट को पढ़ने के बाद शर्मिंदा होने वाले हैं।
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कोई सहमति नहीं बन पाई-
उन्हें यह समझना होगा, कि बीजेपी असल में वंशवादी राजनीति में विश्वास रखती है। वहीं ध्यान देने वाली बात यह है, कि इससे पहले शिवसेना यूबीटी के नेता और राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था, कि हमें इसे इतना भी नहीं दबाना चाहिए, कि यह टूट ही जाए। हालांकि अभी तक इस मामले में कोई सहमति नहीं बन पाई है। सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना, यूबीटी और कांग्रेस के बीच विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया है, कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नेताओं के साथ बैठक की।
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