Anil Vij: इस बार हरियाणा सरकार ने बिजली समेत तीन विभाग की जिम्मेदारी अनिल विज को दी है। उनके पास श्रम विभाग और परिवहन विभाग भी हैं। ऐसा कहा जा रहा है, कि उनका कद घटा दिया गया है, लेकिन खुद अनिल विज को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनका कहना है, कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वह उसे पूरी तरह और ईमानदारी से निभाएंगे। उनका कहना है कि उन्हें जो भी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार ने सोमवार को मंत्रियों के विभागों को बांटने की अधिसूचना जारी की, उसमें विज को तीन विभाग श्रम, बिजली और परिवहन दिए गए हैं। अनिल विज ने कहा, कि रात 12:05 बजे मुझे व्हाट्सएप पर गजट नोटिफिकेशन मिला, जिसमें बताया गया था कि तीन विभागों की जिम्मेदारी मुझे सौंपी गई है।
बिजली बिल बकाया-
उसमें बिजली, परिवहन और श्रम शामिल है। मुझे हैरानी हुई, कि क्या मेरे विभागों का कोई भी बकाया तो नहीं है। मैंने ऑनलाइन चेक किया और पाया कि मेरा इस महीने का बिजली बिल बकाया है। जिसके बाद करीब रात 12:32 बजे अपना बिजली का बिल मैंने ऑनलाइन भरा। मेरा मानना है कि अगर मुझे यह ज़िम्मेदारी दी गई है,तो अपना बकाया पहले मुझे चुकाना चाहिए, वरना मैं कैसे दूसरों को कह सकता हूं, कि वह अपना बिजली बिल भरें। उन्होंने कहा कि अगर बिजली के बकाया बिल नहीं भरे जाएंगे, तो विभाग कैसे काम करेगा।
विभाग के बंटवारे का फैसला-
अनिल विज का कहना है कि विभाग के बंटवारे का फैसला मुख्यमंत्री के हाथों में होता है। हमें जहां भी मौका मिलेगा, वहां हम चौके छक्के लगाने के लिए का काम करेंगे। मैंने कहा था, कि मंत्री मुझे नहीं बनना है। पूरी सरकार जब अपनी है, तो पूरे प्रदेश के लिए ही काम करना होगा। उन्होंने कहा, कि मैंने बिजली विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है, कि बिजली की तारे कहीं भी दिखाई नहीं देनी चाहिए,सड़कों के बीच में बिजली के खंभे नहीं होने चाहिए और साथ ही जहां भी मरम्मत की जरूरत है, वह मरम्मत हो।
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शपथ समारोह-
आपकी जानकारी के लिए बता दें, की हरियाणा में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई है। जिसमें नायाब सैनी ने गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वहीं अनिल विज ने भी शपथ ली। शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और अन्य डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री, एनडीए के तमाम नेता मौजूद रहे।
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