सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध अब भी जारी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सभी उम्र की महिलाये मंदिर में प्रवेश कर सकती है लेकिन लगातार इस फैसले के विरोध के चलते फिर से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पर सुनवाई का फैसला लिया है। कल सुप्रीम कोर्ट फिर से सबरीमाला मंदिर पर फैसला लेगी।
Supreme Court today said we will see it tomorrow as to when we can take up hearing the fresh petitions (writ and review) in regard to the entry of women in age group 10-50 in Kerala's #SabarimalaTemple
सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध अब भी जारी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि सभी उम्र की महिलाये मंदिर में प्रवेश कर सकती है लेकिन लगातार इस फैसले के विरोध के चलते फिर से सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पर सुनवाई का फैसला लिया है। कल सुप्रीम कोर्ट फिर से सबरीमाला मंदिर पर फैसला लेगी।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से जुड़ी 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कॉल ने वकील एसके मैथ्यू जे नेदुंपरा के सबमिशन पर विचार किया है कि संवैधानिक पीठ के फैसले के पुनर्विचार से संबंधित उनकी याचिक तत्काल सुनवाई के लिए सूचिबद्ध की जाएगी।सुप्रीम कोर्ट जैसी उच्च न्यायलय द्वारा फैसला सुनाने के बावजूद भी वहां के लोग लगातार इसका विरोध करते दिख रहे है। आपको बता दें कि मंदिर के कपाट खुलने के बाद से ही महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें रोक लिया गया। भगवान अयप्पा के भक्त, मंदिर के पुजारी, कई संगठन और पार्टियां इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और रैलियां भी निकाल रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से दो पत्रकारों समेत अभी तक 9 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की। लेकिन एक भी मंदिर में प्रवेश करने में सफल न हो सकी। इस बीच सोमवार को एक महीने के लिए सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर के द्वार सोमवार से एक महीने के लिए बंद होने जा रहे हैं। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट जल्द सबरीमाला मंदिर मामले में सुनवाई कर सकती है।
— ANI (@ANI) October 22, 2018
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से जुड़ी 19 पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गई है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस एसके कॉल ने वकील एसके मैथ्यू जे नेदुंपरा के सबमिशन पर विचार किया है कि संवैधानिक पीठ के फैसले के पुनर्विचार से संबंधित उनकी याचिक तत्काल सुनवाई के लिए सूचिबद्ध की जाएगी।
There are 19 review petitions pending before the Supreme Court in connection with the #SabarimalaTemple. https://t.co/5HC2R8tzkh
— ANI (@ANI) October 22, 2018
सुप्रीम कोर्ट जैसी उच्च न्यायलय द्वारा फैसला सुनाने के बावजूद भी वहां के लोग लगातार इसका विरोध करते दिख रहे है। आपको बता दें कि मंदिर के कपाट खुलने के बाद से ही महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें रोक लिया गया। भगवान अयप्पा के भक्त, मंदिर के पुजारी, कई संगठन और पार्टियां इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और रैलियां भी निकाल रहे हैं।
menToo आन्दोलन की शुरुआत, महिलाओं का होगा पर्दाफाश