अकसर घरों में खाना बनाते समय एक रोटी गाय की जरूरी बनाई जाती है खासकर हिंदू धर्म में गाय को गौ माता की उपाधि देकर उसकी पूजा की जाती हैं, गौ माता को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं प्रचलित है वेदों और पुराणों अनुसार गाय में 33 करोड़ देवी – देवताओं का वास माना जाता है। यही नहीं कामधेनु गाय को इच्छापूर्ति या कष्ट निवारण कहा जाता है, धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी इस बात को मानता है कि गाय का इस धरातल पर होना किसी वरदान से कम नहीं हैं, जहां गाय का दूध अमृत के समान है वहीं गौ मूत्र के भू अनगिनत लाभ हैं।
गाय के दूध के लाभ-
गाय को दुधारू पशुओं के साथ-साथ माता की उपाधि भी दी गई हैं, क्योंकि मां के बाद अगर बच्चे के लिए किसी का दूध लाभदक है तो, वो गाय का है। छोटे बच्चे हो या बड़े सभी के लिए गाय का दूध अमृत समान होता हैं, गाय के दूध में प्रोटीन, विटामिन व कैल्शियम सभी की बराबर मात्रा पाई जाती हैं। जो हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाती है और कई तरह की बीमारियों से दूर रखती हैं। गाय का दूध बदहजमी, जोड़ो का दर्द, वजन की कमी, चोटिल अवस्था, हृदयघात से बचाव और आंखों की रोशनी को बनाए रखता हैं। हिंदू धर्म के अनुसार गाय का गोबर पूजा-रचना व पवित्र कार्यों में घर लिपने के काम आता हैं, कहा जाता है कि गौ मूत्र को छिड़काव घर में करने से घर की सारी अशुद्धियां और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख शांति बनी रहती हैं। इसके साथ ही घर में लक्ष्मी का वास होता है गाय के गोबर से बने उपले का प्रयोग हवन में करने से वातावरण शुद्ध होता है एंव वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।ना सिर्फ वातावरण के लिए गौ मूत्र लाभदायक है बल्कि आयुर्वेद के अनुसार गोमूत्र पीने से पेट के रोग, आंखों के रोग, श्वास रोग, पीलिया, दस्त, आंतों की समस्या आदि दूर होते हैं।
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गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं-
मान्यता के अनुसार कामधेनु गाय को सभी गायों में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त है, इसी कारण इन्हें गायों की माता भी कहा जाता है।पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार पुराणों में कहा गया है कि कामधेनु गाय समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी, जो कि 14 अमुल्य चीजों में से एक थी। महादेव ने कामधेनु गाय को सूरभि नाम की उपाधि दी तथा साथ में यह भी कहा कि काम धेनु गाय में 33 करोड़ देवी – देवताओं का वास होगा तथा मैं पूजा करने वाला देवता, मनुष्य हो या असुर मनुष्य सब का कष्ट निवारण तथा इच्छा पूर्ति होगी इन्हें पूजन करने से हमारे सारे पाप धुल जाएंगे।
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