किरण शर्मा
मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के होश उड़ा दिए है। दरअसल, कोर्ट ने राहुल गांधी के द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। जिसके अनुसार राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दोषी ठहराने का आदेश उचित है। कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है इसलिए सजा (दोषसिद्धि) पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिका खारिज कर दी जाती है। इसके अलावा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ चल रहें 10 अपराधिक मामलों का भी जिक्र किया।
फैसले को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रहीं सामने-
गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा राहुल गांधी के लिए सुनाए गए फैसले के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। फैसले पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के शिवकुमार ने कहा, कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कि न्याय नहीं मिला है यह लोकतंत्र की हत्या है लेकिन पूरा देश और विपक्ष राहुल जी के साथ खड़ा है।
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इसके अलावा भाजपा विधायक पुणेश मोदी ने कहा, कि हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। जिसमें अदालत द्वारा राहुल पर केस दर्ज करने की बात कही है। उन्होंने कहा, कि राहुल गांधी को इस बारे में सोचना चाहिए और ऐसा इतिहास नहीं बनाना चाहिए।
कोर्ट के फैसले के बाद एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, कि हम राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के फैसले पर गुजरात उच्च न्यायालय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
नहीं मिल रही कहीं से राहत-
मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी मानते हुए सेशन कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने सूरत सेशन कोर्ट का रुख किया था। जहां भी उन्हें कोई संतुष्टि भरा फैसला नहीं मिला और अब गुजरात हाईकोर्ट ने भी राहुल गांधी को बड़ा झटका देे दिया है। राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जा चुका है जिसके बाद अब राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे और ना ही
संसद सदस्य के रूप में अपनी स्थिति को बदलने की मांग कर पाएंगे। बता दें, कि वीर सावरकर के पोते ने भी पुणे कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
अब क्या कर सकते है राहुल गांधी?
राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से तो राहत नहीं मिली है लेकिन वह हाई कोर्ट में डिवीजन बेंच में अपील कर सकते हैं और सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं अगर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी जाती है तो उनकी सदस्यता फिर से बहाल हो सकती है।
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