Garud Puran सनातन धर्म के 18 महा पुराणों में से एक है जोकि सनातनियों के लिए बेहद ही जरूरी है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मानव जीवन एक आदित्य और अमूल्य उपहार है। मानव जीवन एक ऐसा चक्र है जिसमें सुख और दुखों की घड़ियां बार-बार आती हैं इसलिए हमें इन परिस्थितियों से समझौता कर लेना चाहिए। क्योंकि जीवन में बार-बार उतार-चढ़ाव का आना लगा ही रहता है जीवन की चुनौतियां हमें मजबूत बनाती हैं। जीवन में सुख संवाद हमारे आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। इसके साथ ही गरुड़ पुराण में कठिन परिस्थितियों के बारे में अधिक बताया गया है।
जब आपके जीवन साथी की तबीयत बार-बार खराब होती हैं और वह अच्छा महसूस नहीं करता तो घर-परिवार के सभी सदस्यों पर मानसिक और आर्थिक दबाव पड़ता है। ऐसी कठिन परिस्थिति आपके आत्मा संवेदन और समर्थन की परीक्षा लेती हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, इस समय जीवनसाथी की पूरी देखभाल और सेवा करनी चाहिए।
अपमानित होने पर धैर्य बनाए रखना-
यह बात तो हम सभी जानते हैं, कि समाज में मान-सम्मान कितना अधिक महत्व रखता है। ऐसे में यदि आप अपने किसी छोटे से अपमानित हो तो ऐसे में आपके आत्मसम्मान पर प्रहार होता है। गरुड़ पुराण कहता है कि ऐसी स्थिति में आपको धैर्य बनाए रखना की जरूरत है।
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बार-बार सफलता का हाथ लगाना-
जब आप बार-बार असफल होते हैं, तब आपको आत्म- विश्लेषण करने की जरूरत है। गरुड़ पुराण कहता है कि आपको अपनी कमियों के बारे में पता कर उन पर काम करना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए कि आप बार-बार क्यों असफल हो रहे हैं। जीवन में ऐसे कई पड़ाव आते हैं, जब व्यक्ति बार-बार प्रयास करने पर भी सफल नहीं हो पता। ऐसे समय में व्यक्ति निराशा हो जाता है और आत्मा-विश्लेषण नहीं करता।
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