फरीदाबाद,29 अप्रैल। हरियाणा सरकार के बल्लभगढ़ का नाम बदलकर बलरामगढ़ किए जाने पर 95 फीसदी लोग नाराज हैं। एक सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई है। मात्र पांच फीसदी लोग ही नाम बदले जाने के पक्ष में दिखे। ये सर्वे छात्रों के एक संगठन ने बल्लबगढ के 2000 लोगों पर किया है।
संगठन के कार्यकर्ताओं ने बल्लबगढ के मुख्य बाजार में 2000 दुकानदार और आम जनता पर सर्वे किया। जिसमें उक्त बातें निकल कर सामने आई हैं। संगठन का दावा है कि लोगों को पता ही नहीं चला कि नाम बदलने का प्रस्ताव कब रखा गया और कब कब में इसपर मुहर लग गई। सर्वे में लोगों ने बताया कि नाम बदले जाने दस्तावेजों में नाम बदलना मुसिबत बन जाएगा साथ ही काम धंधा भी प्रभावित होगा। बाहरी लोग नए नाम से पूछेंगें तो स्थानीय लोग पुराना नाम ही बताएंगें इससे बहुत बडी परेशानी खड़ी होने वाली है।
सर्वे के दौरान शहरवासियों ने कहा कि वे जल्द ही केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, विधायक मूलचंद शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपेंगें। संगठन द्वारा बल्लभगढ़ मार्केट व आम लोगों से लिखित रूप में पूछे गए उक्त नाम परिवर्तन में दुकानदारों, व्यवासियों ने बहुत ही तीखे व विरोधपूर्ण तरीके से इस फैसले को नकारा है।
छात्र संगठन के सदस्य हिमांशु भट्ट ने कहा कि सर्वे रिर्पोट बताती है कि प्रदेश सरकार किस तरह से जनविरोधी निर्णय ले रही है। भट्ट ने कहा कि बल्लभगढ़ में हमारी संस्था 50 हजार लोगों से संपर्क कर राय लेगी। जिसे बाद में स्थानीय विधायक मूलचंद शर्मा और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सर्वे की कॉपी सौंपी जाएंगी। जो सर्वे सरकार का करवाना चाहिए था वह हमे करना पड रहा है।
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