नई दिल्ली। देश के हाईकोर्टों में जजों के करीब 500 पद खाली हैं। एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया टीएस ठाकुर ने ये जानकारी दी। ठाकुर ने कहा कि सरकार कोई सुविधा नहीं दे रही इसलिए इतने पद खाली हैं। देश के कोर्ट रुम खाली पडे हैं, मैं अपने साथियों को ट्रिब्यूनल में कैसे भेज सकता हूं।
उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी ट्रिब्यूनल बनाने के खिलाफ नहीं है क्योंकि इससे उसका बोझ कुछ हद तक कम होगा। लेकिन दिक्कत ये है कि वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। आज हालात ये हैं कि सुप्रीम कोर्ट का कोई रिटायर्ड जज ट्रिब्यूनल में जाना नहीं चाहते। मैं भी अपने रिटायर्ड साथियों को वहां भेजने में दुख महसूस करता हूं। सरकार सुविधाएं देने को तैयार नहीं है।
28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि कॉलेजियम द्वारा 9 महीने पहले ही जजों के नामों को मंजूर किए जाने के बाद भी इनका अप्वॉइंटमेंट नहीं हो सका है। उस दौरान कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा था- क्या आप कोर्ट और जजों को बंद कर देना चाहते हैं? ठाकुर एक बार पीएम मोदी की मौजूदगी में इसी मुद्दे पर काफी भावुक हो गए थे। ठाकुर के मौजूदा बयान से सरकार और कोर्ट में विवाद बढता नजर आ रहा है।