मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन ने आक्रामक रूप ले लिया है। मंदसौर में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने वाहनों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शन के हिंसक होने और आग लगाए जाने के आरोपों के बाद हालात संभालने के लिए मौके पर पहुंची सीआरपीएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। दोनों पक्षों में आपसी पथराव के बाद फायरिंग हुई, जिसमें चार किसानों को गोली लगी है। घायल किसानों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया।
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पुलिस के द्वारा कोई फायरिंग नहीं हुई है। सरकार ने निर्देश दिए थे कि प्रदर्शनकारियों पर कोई सख्ती नहीं होनी चाहिए। पुलिस के साथ कई दिनों से मारपीट हो रही है, एक पुलिसकर्मी की आंख फूट गई, लेकिन हमने फिर भी किसी भी सख्ती के निर्देश नहीं दिए। मंत्री ने कहा कि हमने जांच के आदेश दे दिए हैं।
गुस्साए किसानों ने दलौदा के पास रेलवे पटरी उखाड़ दी थी और सिग्नल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाया। जिसकी वजह से ट्रेन यातायात प्रभावित हुआ है। देर रात तक रेलवे स्टाफ पटरी को सही करने में जुटा हुआ था। रेलवे स्टेशन पर हंगामे के अलावा प्रदर्शनकारियों ने दलौदा में महू नीमच मार्ग को जाम कर दिया है। आंदोलन में अगुवा भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है।