देश में लाखों गरीब परिवारों के जीवनयापन में मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं हैं। राजस्थान में सरकार से मदद पाने वाले जरूरतमंद लोगों की गरीबी जग जाहिर करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि सरकार की ओर से लाभार्थियों के घर के बाहर दीवार पर स्लोगन लिखवाए जा रहे हैं। इसमें लिखा जा रहा है कि वे गरीब परिवार से हैं और सरकार की योजना के तहत राशन लेते हैं।
दरअसल राजस्थान के दौसा जिले में सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं लेने वाले परिवारों के घरों के बाहर लिखवा दिया गया है कि मैं गरीब परिवार से हूं और एनएफएसए यानि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन लेता हूं।
आपको बता दें कि दौसा जिले के करीब 70 प्रतिशत परिवार गेहूं लेते हैं। मनमोहन सिंह की सरकार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाया गया था और बीपीएल व एपीएल परिवार को निःशुल्क गेहूं वितरण होने लगा था। ऐसे में एक सदस्य को 5 किलो गेहूं के हिसाब से पूरे परिवार को गेहूं दिया जाता था। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद गेहूं वितरण में अपात्र लोगों के नाम होने पर हजारों की संख्या में नाम हटा दिये। अब 70 प्रतिशत पात्र परिवारों को ही गेहूं वितरण का लक्ष्य रखा हुआ है।